तेजतर्रार अफसर रेनू छिब्बर बनीं आरपीएफ की आईजी, अपराध पर लगेगा लगाम

PRAYAGRAJ: रेनू पुष्कर छिब्बर ने उत्तर मध्य रेलवे में आरपीएफ की आईजी का कार्यभार संभाला. 1994 बैच की अधिकारी रेनू छिब्बर को तेजतर्रार व ईमानदार अफसर माना जाता है. उनके नेतृत्व में रेलवे सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी। पूर्व आईजी अमिय नन्दन सिन्हा को पूर्व रेलवे भेजा गया है.

By Abhishek Singh | May 21, 2025 9:59 PM

PRAYAGRAJ: रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), उत्तर मध्य रेलवे को आज एक नई ऊर्जा और नेतृत्व मिला जब वरिष्ठ अधिकारी सुश्री रेनू पुष्कर छिब्बर ने महानिरीक्षक (आईजी) के पद पर कार्यभार ग्रहण किया. सुश्री छिब्बर 1994 बैच की एक अनुभवी और कुशल अधिकारी हैं तथा मूलरूप से लखनऊ की निवासी हैं.

लंबा और गौरवशाली सेवाकाल

रेनू पुष्कर छिब्बर का आरपीएफ में कार्यकाल हमेशा से ही उल्लेखनीय रहा है. वर्ष 2022 में उन्हें महानिरीक्षक के पद पर पदोन्नत किया गया, जिसके पश्चात उन्होंने नई दिल्ली स्थित DFCCIL (Dedicated Freight Corridor Corporation of India Limited) में महाप्रबंधक के रूप में अपनी सेवाएं दीं. इससे पहले वे उत्तर रेलवे, उत्तर पश्चिम रेलवे तथा रेलवे बोर्ड में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुकी हैं.

ईमानदार और तेजतर्रार अधिकारी की पहचान

सुश्री छिब्बर को आरंभ से ही एक तेजतर्रार, कर्मठ एवं ईमानदार अधिकारी के रूप में जाना जाता है. उत्तर मध्य रेलवे में उनके आगमन से न केवल रेलवे सुरक्षा बल को मजबूती मिलेगी, बल्कि रेलवे में अपराध की घटनाओं में भी कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है. उनकी नेतृत्व क्षमता और अनुशासन प्रियता से आरपीएफ की छवि और अधिक सशक्त तथा जनविश्वासी बनेगी.

पूर्व आईजी श्री अमिय नन्दन सिन्हा को महाकुंभ में उत्कृष्ट योगदान हेतु नई जिम्मेदारी

इस अवसर पर यह उल्लेखनीय है कि उत्तर मध्य रेलवे में पूर्व महानिरीक्षक अमिय नन्दन सिन्हा को महाकुंभ 2025 में किए गए उनके अविश्वसनीय व कठिन परिश्रम के लिए रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली द्वारा सराहा गया है. उन्हें उनकी योग्यता और समर्पण को मान्यता देते हुए पूर्व रेलवे, कोलकाता में आईजी के पद पर एक नई और बड़ी जिम्मेदारी प्रदान की गई है.

नवीन नेतृत्व से नई दिशा की उम्मीद

उत्तर मध्य रेलवे में सुश्री छिब्बर की नियुक्ति को एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है. उनके सशक्त नेतृत्व में आरपीएफ की कार्यशैली और परिणामों में उल्लेखनीय सुधार की संभावना है. रेलवे प्रशासन एवं यात्रियों दोनों को उनसे बड़ी अपेक्षाएं हैं.