77 साल बाद पाकिस्तानियों को मिलेगा जमीनी हक, योगी सरकार ने शुरू की तैयारी

Pakistani Refugee Land Rights: उत्तराखंड की तर्ज पर कुछ मूल्य लेकर या निशुल्क स्वामित्व अधिकार दिए जा सकते हैं. हालांकि, वन भूमि, चरागाह और तालाब जैसी आरक्षित जमीनों पर बसे शरणार्थियों को जमीन देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेनी होगी.

By Shashank Baranwal | June 3, 2025 9:00 AM

Pakistani Refugee Land Rights: उत्तर प्रदेश में बसे पाकिस्तानी शरणार्थियों को अब जमीन का मालिकाना हक मिलने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है. मुरादाबाद के मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है. रिपोर्ट में उत्तराखंड मॉडल की तर्ज पर शरणार्थियों को संक्रमणीय भूमिधर अधिकार देने की सिफारिश की गई है.

इन जिलों में 50 हजार एकड़ भूमि पर बसे हैं शरणार्थी

वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न जिलों जैसे रामपुर, बिजनौर, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत में करीब 20 हजार शरणार्थी परिवार लगभग 50 हजार एकड़ भूमि पर काबिज हैं. इन्हें 1947 में भारत-पाक विभाजन के समय अपनी जीविका चलाने के लिए जमीन दी गई थी. हालांकि, आज तक इनमें से अधिकतर परिवारों को जमीन का कानूनी मालिकाना हक नहीं मिल पाया है.

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नया कानून बनाने की तैयारी

रामपुर में 23 और बिजनौर में 18 गांवों में शरणार्थी बसे हुए हैं. इन परिवारों को कभी गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट के तहत, तो कभी ग्राम सभा या विभागीय जमीन पर बसाया गया था. अब गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट समाप्त हो चुका है, इसलिए इन शरणार्थियों को भूमि का मालिकाना अधिकार देने के लिए नया कानून बनाने की जरूरत होगी.

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नियमों में दी जाएगी ढील

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उत्तराखंड की तर्ज पर कुछ मूल्य लेकर या निशुल्क स्वामित्व अधिकार दिए जा सकते हैं. हालांकि, वन भूमि, चरागाह और तालाब जैसी आरक्षित जमीनों पर बसे शरणार्थियों को जमीन देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेनी होगी. साथ ही ग्राम सभा और विभागीय जमीन के लिए भी नियमों में शिथिलता लानी पड़ेगी.

हजारों शरणार्थियों को होगा फायदा

सूत्रों के अनुसार, इस मामले पर आगे की कार्रवाई के लिए कैबिनेट की उप समिति का गठन किया जा सकता है. अंतिम निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया जाएगा. अगर यह प्रस्ताव पास होता है, तो यह कदम हजारों शरणार्थी परिवारों के लिए बड़ी राहत साबित होगा.