UP Weather: रोहिणी नक्षत्र के तीसरे दिन यूपी में आंधी के साथ भारी बारिश, मलिहाबाद के आम की फसल चौपट

UP Weather: यूपी के हुई आंधी के साथ बारिश से दस दिन बाद तैयार होने वाली फसल का काफी हिस्सा गिर गया है. अब ऐसा लगता है कि बाग की धुलाई, दवाओं के छिड़काव का खर्च और सिंचाई का पैसा भी निकलना मुश्किल है.

By Radheshyam Kushwaha | May 27, 2023 9:18 PM

लखनऊ. 25 मई से रोहिणी नक्षत्र की शुरुआत हो गई है. रोहिणी नक्षत्र के तीसरे दिन यूपी में आंधी के साथ भारी बारिश हुई. जिसके कारण मलिहाबाद के आम की फसल पूरी तरह से चौपट हो गयी है. बारिश और आंधी ने आम बागवानों के मालिकों के चेहरे मायूस कर दिए हैं. आम उत्पादक के अनुसार आंधी-बारिश में लगभग 10 प्रतिशत आम बर्बाद हो गये हैं. आंधी में गिरा आम अब सिर्फ अचार आदि के काम ही आएगा. आम बागवान के मालिकों का कहना है कि पहले बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण शुरूआत में ही 60 से 70 प्रतिशत आम गिर गये थे. जो बचे हुए आम थे, उनमें से 10 प्रतिशत आम आज भरभराकर गिर गये है. मलिहाबाद के किसान पूरी तरह से चिंतित है.

मलिहाबाद के किसान पूरी तरह से चिंतित

इस संबंध में मलिहाबाद क्षेत्र के बागवान रामलखन प्रजापति, हेमनाथ गौतम, सिद्धार्थ गौतम, मिश्री लाल यादव कहते हैं कि नुकसान तो बहुत हो चुका है. पहले भी बारिश और आंधी से फसल बर्बाद हो चुकी है. इस बार तो और ज्यादा क्षति हुई है. पहले ओलावृष्टि से बौर खराब हुआ था. इसके बाद अब आंधी से दस दिन बाद तैयार होने वाली फसल का काफी हिस्सा गिर गया है. अब ऐसा लगता है कि बाग की धुलाई, दवाओं के छिड़काव का खर्च और सिंचाई का पैसा भी निकलना मुश्किल है. अब इस आम को खटाई के लिए ही बेचना पड़ेगा अब और कोई रास्ता नहीं है. लेकिन इतना आम गिर गया है कि लगता है कि खटाई के लिए भी कोई खरीदार नहीं मिलेगा.

Also Read: नीति आयोग की बैठक में CM योगी ने रखी यूपी की उपलब्धियां, PM मोदी के मंत्र से बना उद्योगों का ड्रीम डेस्टिनेशन
आंधी-बारिश से भारी नुकसान

उत्तर प्रदेश में आम की करीब 1000 किस्में हैं. खराब मौसम के बावजूद प्रदेश का आम उत्पादन 2022-23 में ठीक ठाक था. आंकड़ों के अनुसार कुछ राज्यों में अच्छी पैदावार सबसे गर्म मार्च के महीने के कारण भी प्रभावित नहीं हुई. मलिहाबाद के बागवान मालिकों का कहना है कि इस साल वसंत के मौसम में बारिश और ओलों ने मधुमक्खियों को भगा दिया. मधुमक्खियां परागण में काफी सहायक होती हैं. इससे आम का उत्पादन घट गया है. ऐसे में इस साल कम फसल के कारण खर्च निकालना भी मुश्किल हो जाएगा.

Next Article

Exit mobile version