UP: यूपी में नवनिर्वाचित मेयर-अध्यक्ष, पार्षद 26 और 27 मई को लेंगे शपथ, एक महीने में करना होगा ये जरूरी काम

यूपी में नवनिर्वाचित मेयर, अध्यक्ष और पार्षद 26 और 27 मई को शपथ ग्रहण करेंगे. इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है. वहीं अधिसूचना जारी के एक महीने के भीतर निकायों में पहली बैठक बुलाना जरूरी होगा. मेयरों और पार्षदों को मंडलायुक्त शपथ दिलाएंगे.

By Sanjay Singh | May 24, 2023 9:23 AM

Lucknow: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के नतीजे आने के बाद अब नवनिर्वाचित मेयर, अध्यक्ष और पार्षदों के शपथ ग्रहण को लेकर इंतजार खत्म हो गया है. जनता के चुने ये जनप्रतिनिधि 26 और 27 अप्रैल की शपथ ग्रहण करेंगे.

राज्य निर्वाचन आयोग से नगर निकायों के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों की अधिकारिक सूची मिलने के बाद इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है. उत्तर प्रदेश सरकार के मेयर, नगर पालिका और नगर पंचायतों के अध्यक्षों व सदस्यों के शपथ ग्रहण की तारीख के ऐलान के साथ ही जल्द ये निकाय संबंधी कार्यों में तेजी देखने को मिलेगी.

प्रदेश सरकार की ओर से निकायों के गठन की अधिसूचना जारी होने के एक महीने के भीतर पहली बैठक बुलाना अनिवार्य है. इस लिहाज से हर हाल में 23 जून से पहले नगर निगमों को सदन और नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों को बोर्ड की बैठक करनी होगी.

प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उप्र नगर निगम अधिनियम 1959 के अधीन मेयर, अध्यक्ष और पार्षद स्थान ग्रहण करने के लिए शपथ लेंगे. शासन की ओर से सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को शपथ ग्रहण कराने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

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नगर निगमों में मेयर और पार्षदों को परंपरा के मुताबिक संबंधित मंडलायुक्त शपथ दिलाएंगे. मंडलायुक्त की अनुपस्थिति जिलाधिकारी इस जिम्मेदारी को निभाएंगे. वहीं, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत अध्यक्षों व पार्षदों को जिलाधिकारी या उनकी अनुपस्थिति में उनके द्वारा नामित अपर जिलाधिकारी या उप जिलाधिकारी शपथ दिलाएंगे.

प्रमुख सचिव नगर विकास ने मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों से कहा है कि निर्धारित तारीख पर जनप्रतिनिधियों को शपथ ग्रहण दिलाने के बाद इसकी सूचना शासन को उपलब्ध कराई जाए. इसके साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि 23 जून तक नगर निगमों में सदन और पालिका परिषद और नगर पंचायत बोर्ड की पहली बैठक हर हाल में करा ली जाए.

इसके साथ ही पहली बैठक में वर्ष 2023-24 की कार्ययोजना तैयार करते हुए बोर्ड की मंजूरी ली जाए और 30 जून तक शासन को इसे उपलब्ध कराए जाए. ताकि इन कार्यों के संबंध में शासन स्तर से मंजूरी से लेकर अन्य जरूरतों को समय से पूरा किया जा सके. वहीं शपथ ग्रहण के साथ ही निकायों के खातों का संचालन अधिनियम की व्यवस्था के अनुसार किया जाएगा.

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