लखनऊ-गोरखपुर रूट पर लागू होगी नई व्यवस्था, अब एक किमी के दायरे में आगे-पीछे चल सकेंगी ट्रेनें

गोरखपुर से लखनऊ के बीच हर दो ब्लॉक के बीच एक हट बनाया जाएगा. इसमें सिग्नल से जुड़े संयंत्र रखे जाएंगे, ताकि फॉल्ट आने पर तत्काल सही किया जा सके. सिग्नल पहले लाल, फिर डबल पीला और पीला होने के बाद हरा होगा.

By Radheshyam Kushwaha | June 6, 2023 3:16 PM

लखनऊ. रेलवे ने नई व्यवस्था लागू करने जा रही है. अब ट्रेनें रेल ट्रैफिक लाइट का इंतजार नहीं करेंगी. रेलवे के इस नई व्यवस्था लागू होने से आप एक किलोमीटर के दायरे में दो ट्रेनों को एक ही दिशा में और वापस जाते हुए देख सकेंगे. लखनऊ से गोरखपुर रूट पर अब एक किलोमीटर के दायरे में ट्रेनें आगे-पीछे चल सकेंगी. यह संभव होगा ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम से, जिसे लगाने का काम शुरू हो गया है.

अब एक किमी के दायरे में आगे-पीछे चलेंगी ट्रेनें

एक साल में पूरा रूट ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम से लैस हो जाएगा. अब तक ट्रेनों के बीच की दूरी कम से कम से आठ किलोमीटर होती है. आगे चल रही ट्रेन के स्टेशन पहुंचने के बाद पीछे वाली ट्रेन को ग्रीन सिग्नल दिया जाता है. नई व्यवस्था लागू होने से ट्रेनों की टाइमिंग में भी सुधार होगा. ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम में दो स्टेशनों के बीच (ब्लॉक सेक्शन) प्रत्येक एक किलोमीटर की दूरी पर सिग्नल लगाए जाएंगे. जैसे-जैसे सिग्नल हरे होते जाएंगे पीछे चल रही ट्रेन आगे बढ़ती जाएगी. इसके लिए केबल बिछाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.

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हर दो ब्लॉक के बीच बनाया जाएगा एक हट

गोरखपुर से लखनऊ के बीच हर दो ब्लॉक के बीच एक हट बनाया जाएगा. इसमें सिग्नल से जुड़े संयंत्र रखे जाएंगे, ताकि फॉल्ट आने पर तत्काल सही किया जा सके. सिग्नल पहले लाल, फिर डबल पीला और पीला होने के बाद हरा होगा. इसके अनुसार लोको पाइलेट एक किमी की दूरी रखते हुए ट्रेन चला सकेंगे. पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग का काम डोमिनगढ़ और टिनीच के बीच शुरू हो चुका है. रूट सर्वे और मार्किंग ऑफ ब्लॉक का काम दो ब्लॉक खंड में पूरा हो गया है.

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