क्या अब प्रियंका के करिश्मे से होगा सपा-कांग्रेस गठबंधन ?

लखनऊ : कल सपा द्वारा अपने 209 उम्मीदवारों की सूची जारी किये जाने के बाद ऐसी आशंकाएं प्रबल हो गयीं कि सपा और कांग्रेस के गठबंधन पर संकट के बादल छा गये हैं और संभव है कि अब यह गठबंधन ना हो. लेकिन अब सूत्रों के हवाले से ऐसी खबरें आ रहीं है कि सपा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 21, 2017 11:30 AM

लखनऊ : कल सपा द्वारा अपने 209 उम्मीदवारों की सूची जारी किये जाने के बाद ऐसी आशंकाएं प्रबल हो गयीं कि सपा और कांग्रेस के गठबंधन पर संकट के बादल छा गये हैं और संभव है कि अब यह गठबंधन ना हो. लेकिन अब सूत्रों के हवाले से ऐसी खबरें आ रहीं है कि सपा और कांग्रेस के गठबंधन को लेकर प्रियंका गांधी गंभीर दिख रही हैं और उन्होंने गठबंधन के उलझाव को सुलझाने के लिए प्रयास तेज कर दिये हैं और खुद कोशिश कर रही हैं कि यह गठबंधन हो जाये.

ऐसी खबरें आयी हैं कि प्रियंका ने अपने भरोसेमंद लोगों को अखिलेश से बातचीत के लिए भेजा है. कल दिल्ली गये गुलाम नबी आज पुन: लखनऊ लौट रहे हैं. इससे इस बात को मजबूती मिल रही है कि शायद कांग्रेस गठबंधन को लेकर गंभीर है. गठबंधन की उम्मीदों के बीच कुछ ऐसे बयान आ रहे हैं, जो परेशानी का सबब बन जाते हैं. अबु आजमी ने कह दिया है कि गठबंधन तभी नहीं होते हैं, जब किसी पार्टी को उसकी हैसियत से ज्यादा सीटें मिल जाती हैं.
आखिर बात बन क्यों नहीं रही?
अखिलेश शुरू से बोलते आये हैं कि वे कांग्रेस के साथ चुनावी मैदान में जाना चाहते हैं, कांग्रेस भी इच्छुक है. लेकिन जिच इस बात पर है कि कांग्रेस ज्यादा सीटें चाहती है, जबकि अखिलेश इस बात के लिए तैयार नहीं हैं. पिछले चुनाव में कांग्रेस 355 सीट पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन उसके मात्र 28 विधायक ही चुनकर आ पाये. 150 सीटों पर उनकी जमानत जब्त हो गयी. ऐसे में अखिलेश उन्हें 100 सीट देना नहीं चाहती, जबकि कांग्रेस इस बात पर अड़ी है. सपा कांग्रेस को 80-85 सीट देने पर सहमत हैं. अखिलेश इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि अगर कांग्रेस को ज्यादा सीट दी गयी तो वे जीत हासिल कर लेंगे. सपा का मानना है कि गठबंधन के बावजूद कांग्रेस 55-58 से ज्यादा सीटें नहीं जीत पायेंगी. अमेठी और रायबरेली की सीटों को लेकर भी बात नहीं बन रही. इन संसदीय सीटों पर कुल 12 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से नौ पर सपा का कब्जा है, ऐसे में सपा यह सीटें कांग्रेस को देना नहीं चाहती, लेकिन कांग्रेस यह तमाम सीटें चाहती है. जिसके कारण बात अभी तक उलझी हुई है.
राहुल की ओर से अखिलेश को नहीं मिला पॉजीटिव रिस्पांस
सूत्रों के हवाले से ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि अखिलेश यादव यह चाहते हैं कि राहुल गांधी लखनऊ आकर गठबंधन का ऐलान करें, लेकिन राहुल ने इसे लेकर कोई रिस्पांस नहीं किया, जिससे सपा में नाराजगी है. वहीं कांग्रेस गठबंधन की फाइनल वार्ता के बाद अपनी सीटें और बढ़ाना चाहती है, यह बात भी अखिलेश को नापसंद है. ऐसे में प्रियंका के मैसेंजर लखनऊ में अखिलेश के फोनकॉल का इंतजार कर रहे हैं, अगर अखिलेश की ओर से जवाब आयेगा, तो प्रियंका की पहल से गठबंधन संभव हो जायेगा.