यूपी : बेखौफ बदमाशों का थाने पर हमला, गार्ड की गोली मारकर हत्या

प्रतापगढ़ : प्रतापगढ़ में लूट का मोबाइल फोन बेचने के आरोपी बदमाशों ने मानिकपुर थाना पहुंचकर प्रभारी निरीक्षक को ललकारा और उसके सामने ना आने पर पहरे पर तैनात होमगार्ड के एक जवान की गोली मारकर हत्या कर दी. अपर पुलिस अधीक्षक :पश्चिमी: दिनेश कुमार सिंह ने आज यहां बताया कि बुधवार रात करीब साढे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 25, 2016 3:16 PM

प्रतापगढ़ : प्रतापगढ़ में लूट का मोबाइल फोन बेचने के आरोपी बदमाशों ने मानिकपुर थाना पहुंचकर प्रभारी निरीक्षक को ललकारा और उसके सामने ना आने पर पहरे पर तैनात होमगार्ड के एक जवान की गोली मारकर हत्या कर दी. अपर पुलिस अधीक्षक :पश्चिमी: दिनेश कुमार सिंह ने आज यहां बताया कि बुधवार रात करीब साढे 11 बजे दो मोटरसाइकिलों पर सवार छह हथियारबंद बदमाशों ने मानिकपुर थाने में घुसकर प्रभारी निरीक्षक प्रमेन्द्र सिंह को ललकारा. सिंह के फौरन सामने ना आने पर दुस्साहसी बदमाशों ने पहरे पर तैनात होमगार्ड्स जवान महादेव प्रसाद मिश्र :55: की गोली मारकर हत्या कर दी और भाग गये.

उन्होंने बताया कि मानिकपुर पुलिस ने कल शाम लूट का मोबाइल फोन खरीदने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. उसने पूछताछ के दौरान लूट का मोबाइल फोन बेचने वाले बदमाशों का नाम बताया था. रात को उन्हीं बदमाशों ने प्रभारी निरीक्षक प्रमेन्द्र सिंह को फोन करके गिरफ्तार युवक को दो घंटे के अंदर रिहा करने अथवा अंजाम भुगतने की धमकी दी थी.

सिंह ने बताया कि इस मामले में इलाहाबाद से दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. उनके कब्जे से एक विदेशी पिस्तौल तथा तमंचा बरामद किया गया है. उन्होंने बताया कि प्रभारी निरीक्षक की तहरीर पर बालकृष्ण, इमरान और शिवा नामक व्यक्तियों तथा तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. इस बीच, भाजपा ने इस वारदात को अराजकता की हद पार करने वाली घटना करार दिया है.

भाजपा के प्रान्तीय प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि प्रदेश में अराजकता की सीमा पार हो गयी है. सरकार के घटते इकबाल का नतीजा है कि थाने में पुलिसकर्मी ललकारे और मारे जा रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश राज में पुलिस पर हमले की 1044 वारदात हो चुकी हैं. हाल में मुख्यमंत्री आवास के पास एक लडकी का शव पाया गया. मंगलवार को एक और शव मिला. प्रदेश की कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. अराजक लोगों को कानून का कोई भय नहीं है. पाठक ने कहा कि इन हालात के लिये मुख्यमंत्री की नीतियां हैं. सरकार अगर समय से घटनाओं पर निर्णय लेती तो ऐसा नहीं होता। यह अखिलेश की कार्यक्षमता पर सवाल भी खडे करता है.

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