गोरखपुर: कान्हा उपवन के पशुओं की देखरेख का काम निजी हाथों में, नगर निगम को 1.20 करोड़ रुपए का होगा सालाना लाभ

गोरखपुर में कान्हा उपवन में अब पशुओं के रखरखाव की जिम्मेदारी नगर निगम ने निजी हाथों को सौंप दी है. पहले नगर निगम हर एक पशु पर रोजाना 62 रुपये खर्च करता था. लेकिन निजी हाथों में सौंपने के बाद अब हर एक पर पशु रोजाना 38 रुपये लगेंगे.

By Prabhat Khabar | May 7, 2023 10:05 PM

Gorakhpur : यूपी के गोरखपुर में कान्हा उपवन में अब पशुओं के रखरखाव की जिम्मेदारी नगर निगम ने निजी हाथों को सौंप दी है. पहले नगर निगम हर एक पशु पर रोजाना 62 रुपये खर्च करता था. लेकिन निजी हाथों में सौंपने के बाद अब हर एक पर पशु रोजाना 38 रुपये लगेंगे. कान्हा उपवन में 1350 पशु रखे गए हैं.

नगर निगम पहले हर महीने में 25 लाख रुपए से ज्यादा खर्च करता था. अब निजी हाथों में देने के बाद नगर निगम को हर महीने में तकरीबन 15.5 लाख रुपए खर्च करने पड़ेंगे. नगर निगम की नई व्यवस्था से उसे सालाना तकरीबन सवा करोड़ रुपए का फायदा होगा.

CM योगी ने किया था कान्हा उपवन का उद्घाटन

दरअसल, कान्हा उपवन में बेसहारा और छुट्टा पशुओं को रखा जाता है. पशुओं की देखभाल की जिम्मेदारी गोरखपुर नगर निगम उठा रहा था. नगर निगम की ओर से 20 से ज्यादा कर्मचारी यहां सफाई के लिए तैनात किए गए थें. कान्हा उपवन गोरखपुर के वार्ड नंबर 38 में स्थित है. 6 जुलाई 2019 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों इसका उद्घाटन हुआ था. 9 एकड़ में कान्हा उपवन का निर्माण 8.5 करोड़ रुपए की लागत से किया गया था.

आईडीएस इंटरप्राइजेज को मिली है कान्हा उपवन की जिम्मेदारी

नगर निगम ने अब इसकी जिम्मेदारी निजी हाथों में दे दी है. पशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल और उपचार के लिए पशुपालन विभाग ने डॉक्टरों की तैनाती पहले की तरह ही रहेगी. फर्म उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाएं उपलब्ध कराएगा. कान्हा उपवन में पशुओं की देखभाल का ठेका लेने वाली फर्म आईडीएस इंटरप्राइजेज पहले से ही जैविक खाद का उत्पादन कर रही है. फर्म ही गोबर और पशुओं के मूत्र की बिक्री करेगी. इससे कान्हा उपवन के साफ-सफाई की व्यवस्था अच्छी रहेगी.

फर्म का कार्य अच्छा रहा तो बढ़ाया जाएगा अनुबंध- नगर आयुक्त

नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि कान्हा उपवन में पशुओं की देखभाल की व्यवस्था निजी हाथों को दे दी गई है. इसके व्यवस्था पर हमारी खुद की नजर रहेगी साथ में सुपरवाइजर व जोनल अफसरों की भी तैनाती की गई है. पशुओं को भूसा, चारा व हरा चारा रोजाना दिया जा रहा है. पशु विभाग के डॉक्टर जांच और उपचार के लिए पहले की तरह तैनात रहेंगे. फर्म को दवा उपलब्ध कराने हैं. उन्होंने कहा कि फर्म अभी अच्छा काम कर रहा है यदि उनका कार्य आगे भी अच्छा रहेगा तो अनुबंध आगे भी बढ़ाया जा सकता है. फिलहाल फर्म का काम संतोषजनक है.

रिपोर्ट– कुमार प्रदीप, गोरखपुर

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