बरेली में परचम कुशाई से उर्स ताजुश्शरिया का आगाज, साउथ अफ्रीका समेत 8 देशों के उलमा करेंगे शिरकत

बरेली में परचम कुशाई से उर्स ताजुश्शरिया का आगाज हुआ है. ताजुश्शरिया के दुनियाभर में करोड़ों मुरीद हैं. दुनिया की टॉप 100 में ताजुश्शरिया शामिल थे. आप की पैदाइश (जन्म) 26 मोहर्रम 1362 हिजरी बामुताबिक 2 फ़रवरी 1943 को हुई थी.

By Prabhat Khabar | May 26, 2023 8:52 PM

बरेली. उत्तर प्रदेश के बरेली में शुक्रवार को परचम कुशाई के साथ ताजुश्शरिया मुफ्ती मुहम्मद अख्तर रज़ा खां क़ादरी (अज़हरी मियां) के उर्स का आगाज हो गया. उर्स काजी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती मुहम्मद असजद रज़ा खां कादरी की सरपरस्ती में होगा. जमात रजा ए मुस्तफा के उपाध्यक्ष सलमान हसन खां ने बताया कि नमाज़-ए-फज़र कुरान ख्वानी, नात-व-मनकबत की महफिल सजी. नमाज़-ए-असर के बाद परचम कुशाई की रस्म अदा की गई.

27 मई को कुल शरीफ होगा

यह परचम शाहबाद स्थित सय्यद कैफी के निवास मिलन शादी हाल, दूसरा परचम आजमनगर की हरी मस्जिद स्थित मोहम्मद साजिद और तीसरा सैलानी के रजा चौक निवासी समरान खान के घर से निकला. इसमें बड़ी संख्या में अकीदतमंद शामिल हुए. तीनों परचम को काजी ए हिन्दुस्तान ताजुश्शरिया दरगाह पर पेश किया. शुक्रवार की रात ईशा नमाज के बाद उलमा देश के हालात, मुस्लिमों के आर्थिक और शैक्षिक हालातों पर चर्चा करेंगे. 27 मई को कुल शरीफ होगा. इसमें देश की तरक्की, शांति (अमन) के लिए दुआएं होंगी. उर्स में शामिल होने के लिए साउथ अफ्रीका, सऊदी अरब समेत कई देश के उलमा और अकीदंतमंद शामिल हुए हैं.

दुनिया की 100 बड़ी शख्सियत में से एक

ताजुश्शरिया के दुनियाभर में करोड़ों मुरीद हैं. दुनिया की टॉप 100 में ताजुश्शरिया शामिल थे. आप की पैदाइश (जन्म) 26 मोहर्रम 1362 हिजरी बामुताबिक 2 फ़रवरी 1943 को हुई थी. आपके परदादा आला हज़रत थे. आपने मिस्र की मशहूर यूनिवर्सिटी जामिया अल अज़हर से पढ़ाई कर 1966 में डिग्री हासिल की. ताजुश्शरिया ने अरबी, उर्दू, अंग्रेजी आदि भाषाओं में किताबे लिखीं और आपने आला हज़रत की कई किताबों को अरबी में अनुवाद कर अरब देशों तक पहुंचाया. आपने अरबी, उर्दू भाषाओं में नातों मनकबत लिखीं.

दुनिया भर में पहुंचाया पैगाम

ताजुश्शरिया ने मसलके आला हज़रत का पैग़ाम अरब, यूरोप, एशिया, अमरीका, अफ्रीका, कनाडा आदि आदि देशों में पहुंचाया. अपनी ज़िन्दगी में दीन की खिदमत के लिए तमाम देश के सफर किए. आपको जामिया अल अज़हर से फखरे अज़हर का अवार्ड मिला.

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सउदी हुकूमत ने खान ए काबे के गुस्ल को बुलाया

सउदी अरब की हुकूमत ने ताजुश्शरिया को मक्का शरीफ में काबे के ग़ुस्ल के लिए बुलाया था. आप वर्ष 2009 में गए थे. आपने गुस्ल के साथ हज अदा किया.

दुनिया से रूखसती में जुटी लाखों की भीड़

आपका विसाल (इंतकाल) 7 ज़ीक़ादा 1439 हिजरी यानी 20 जुलाई, 2018 को हुआ था.इसमें दुनिया भर से लोग जुटे थे.इंतक़ाल की खबर सुनकर दुनियाभर में ग़म का माहोल हो गया. आपके जनाज़े में लाखों अकीदतमंदों शिरकत (शामिल हुए) की.

रिपोर्ट मुहम्मद साजिद, बरेली

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