Greater Noida: जानिए क्या है Tram, जिसे यमुना अथॉरिटी चलाने का बना रहा प्लान, इस तरह आसान होगा सफर…

Greater Noida: बेहतर यातायात व्यवस्था के लिए ट्राम को इस्तेमाल करने की तैयारी है. विदेशों में इसके सफल संचालन के मद्देनजर यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों को उम्मीद है कि ट्राम यहां भी सुविधाओं में इजाफा करने में कारगर साबित होगी. इसके लिए स्टडी रिपोर्ट तैयार होने के बाद डीपीआर बनवाने पर काम होगा.

By Prabhat Khabar | January 30, 2023 2:24 PM

ग्रेटर नोएडा: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे इलाकों में यातायात के लगातार बढ़ रहे दबाव के बीच बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने की दिशा में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के आवासीय और औद्योगिक सेक्टरों में ट्राम चलाने की तैयारी की जा रही है. इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए अधिकारियों ने धरातल पर काम करना शुरू कर दिया है. खास बात है कि पॅाड टैक्सी, मेट्रो और बस सेवा के साथ ट्राम का संचालन किया जाएगा.

पब्लिक ट्रांसपोर्ट के प्रॉजेक्ट के मामले में पॉड टैक्सी के बाद ट्राम दूसरा बड़ा प्रॉजेक्ट होगा. ट्राम एक रेल वाहन होता है, जिसका संचालन अमूमन शहरी सड़कों के साथ बिछाई गयी पटरियों पर होता है. आधुनिक ट्राम का मुख्य उर्जा स्रोत बिजली है. यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने पिछले दिनों रोड शो के दौरान कई देशों का दौरा किया था. वहां पर उन्होंने ट्राम को बेहद सफल तरीके से संचालित होते देखा. इसलिए अब यीडा यहां इसे अमलीजामा पहनाने के लिए जुट गया है.

इसके लिए सबसे पहले स्टडी रिपार्ट तैयार की जाएगी और फिर डीपीआर का काम होगा. स्टडी रिपोर्ट तैयार करने के बाद साफ हो पाएगा कि ट्राम की कनेक्टिविटी देने, लाइन बिछाने व पूरा सिस्टम डेवलप करने में कितना खर्च आएगा. स्टडी रिपोर्ट तैयार होने के बाद डीपीआर बनवाने पर काम होगा.

यीडा के आवासीय सेक्टर-18 और 20 दोनों करीब 10-10 किलोमीटर के दायरे में बसे हुए हैं. बताया जा रहा है कि ट्राम को हर 30 मीटर चौड़ी सड़क पर चलाया जाएगा. ट्राम से मेट्रो स्टेशन, पॉड टैक्सी स्टेशन के अलावा पब्लिक ट्रांसपोर्ट के अन्य साधनों तक पहुंचना आसान होगा. हर एक सेक्टर में दो से तीन पॉइंट ऐसे होंगे, जहां से लोग घर से निकलकर ट्राम में बैठ सकें.

इससे लोगों को बेहतर यातायात का विकल्प मिलेगा. सिटी बस सेवा प्रत्येक सेक्टर के ब्लाॅक को जोड़ेगी, वहीं ट्राम से यातायात सुविधा का दायरा और बढ़ जाएगा. फिल्म सिटी और औद्योगिक के अलावा आवासीय सेक्टरों में पॉड टैक्सी को लेकर पहले ही डीपीआर पर काम हो चुका है.

Also Read: UPSSSC PET 2023: जून में जारी हो सकता है नोटिफिकेशन, अच्छा स्कोर के लिए इतने प्रश्नों का सही जवाब देना जरूरी

यमुना अथॉरिटी के सीईओ अरुणवीर सिंह के मुताबिक इस एरिया में इंटरनल कनेक्टिविटी के लिए भी योजना बनाई जा रही है. विदेशों में लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए ट्राम बेहद कामयाब प्रॉजेक्ट के तौर पर देखा गया है. इसीलिए यमुना अथॉरिटी पहले फेज में 15-20 सेक्टर में इसकी कनेक्टिविटी के लिए स्टडी रिपोर्ट तैयार कराएगी. इसके बाद आगे की योजना पर काम किया जाएगा.

Next Article

Exit mobile version