कोरोना की भेंट चढ़ा प्रतियोगी छात्रों का अहम समय, वरुण गांधी की मांग- परीक्षाओं में मिले 2 वर्ष की छूट

वरुण गांधी ने सरकार से मांग करते हुए लिखा, कोरोना के भयावह कालखंड का तटस्थ आंकलन करें, तो इसका सबसे बड़ा दंश प्रतियोगी छात्रों ने झेला है. छात्रों को विभिन्न परीक्षाओं में आयु सीमा में 2 वर्षों की छूट देने पर विचार हो.

By Prabhat Khabar | June 1, 2022 11:47 AM

Pilibhit News: बीजेपी नेता वरुण गांधी (Varun Gandhi) अक्सर अपने बेबाक बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं. इस बीच पीलीभीत सांसद ने एक बार फिर प्रतियोगी छात्रों के समर्थन में आवाज उठाई है. उन्होंने कोरोना काल में प्रतियोगी छात्रों पर आए संकट को देखते हुए सरकार से मांग की है कि विभिन्न परीक्षाओं की आयु सीमा में 2 वर्षों की छूट देने पर विचार किया जाए.

प्रतियोगी छात्रों ने झेला कोरोना महामारी का दंश

वरुण गांधी ने ट्वीट कर लिखा, ‘कोरोना के भयावह कालखंड का तटस्थ आंकलन करें, तो इसका सबसे बड़ा दंश प्रतियोगी छात्रों ने झेला है, जिनके जीवन का सबसे अहम समय महामारी की भेंट चढ़ गया उन मेहनतकश छात्रों के भविष्य की चिंता करना हमारा कर्तव्य है. विभिन्न परीक्षाओं में आयु सीमा में 2 वर्षों की छूट देने पर विचार हो.’

रेलवे में पदों की समाप्ति पर वरुण गांधी न उठाई आवाज

दरअसल, यह पहला अवसर नहीं है जब बीजेपी नेता ने छात्रों के हक में आवाज उठाई है. इससे पहले भी वह कई मौकों पर प्रतियोगी छात्रों के हक की लड़ाई लड़ते रहे हैं. हाल ही में उन्होंने रेलवे में पदों की समाप्ति को लेकर सरकार का घेराव किया था. वरुण गांधी ने ट्वीट कर लिखा, ‘विगत 6 वर्षों में तृतीय-चतुर्थ श्रेणी में 72000 हजार पद समाप्त कर चुका रेलवे अब NCR जोन के 10000 पदों को भी समाप्त करने जा रहा है. समाप्त होती हर नौकरी रेलवे की तैयारी कर रहे करोड़ों युवाओं की उम्मीदें तोड़ रही हैं. यह ‘वित्तीय प्रबंधन’ है या ‘निजीकरण’ की तरफ बढ़ाया जा रहा कदम?’

न्याय की लड़ाई मरते दम तक लड़ते रहेंगे- वरुण गांधी

वरुण गांधी का कहना है कि, वे न्याय की लड़ाई मरते दम तक लड़ते रहेंगे. इसके साथ ही राष्ट्रहित के मुद्दे उठाएंगे. सांसद वरुण गांधी ने कहा कि, राज्यों में डेढ़ करोड़ घोषित नौकरियां है, जो राज्य सरकार को भरनी हैं. यह युवाओं पर कोई दया नहीं, बल्कि सरकार की जिम्मेदारी है. 1.50 करोड़ लोगों को नौकरियां मिलने से, रोजगार के इतने पद ही सृजित होंगे. इसके साथ ही 10 करोड़ परिवारों में खुशहाली आएगी. उन्होंने कहा राजनीति पेशा बन जाए, तो अभिशाप है. सपने तो बड़े कर दिए गए, लेकिन साधन सीमित कर दिए गए.

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