सपा विधायक अमिताभ बाजपेई को 11 साल पुराने मामले में एमपीएमएलए कोर्ट ने सुनाई सजा, विधायकी बची

2 अक्टूबर 2011 वाणिज्य कर के असिस्टेंट कमिश्नर दिनेश पाल जीटी रोड पर मंधना के पास वाहनों की जांच कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने एक पिकअप वाहन को रोका. वाहन चालक ने किसी को फोन किया, जिसके बाद अमिताभ बाजपेई समेत 40-50 लोग पहुंचे और टीम को घेर लिया था.

By Prabhat Khabar Print Desk | November 12, 2022 6:51 AM

Kanpur: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान के बाद एक और विधायक को एमपीएमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई है. 11 साल पुराने मामले में कानपुर के आर्य नगर विधानसभा से विधायक अमिताभ बाजपेई को कोर्ट ने 1 साल की सजा सुनाई है.वही 8600 रुपये का बेल बॉन्ड विधायक की ओर से कोर्ट में जमा कराया गया है. वाणिज्य कर अधिकारियों के साथ विवाद में आरोपित सपा विधायक अमिताभ बाजपेई के मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश एमपीएमएलए कोर्ट में विचाराधीन है.

वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी के साथ हुआ था विवाद

विधायक अमिताभ बाजपेई का विवाद 2 अक्टूबर 2011 को वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी के साथ हुआ था.जिस पर बिठूर थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी. जिसकी सुनवाई एमपीएमएलए में चल रही थी बीते दो नवंबर को अंतिम बहस के बाद निर्णय की तिथि 9 नवंबर तय की गई थी. बुधवार को भी विधायक अमिताभ बाजपेई सुबह 11.30 बजे कोर्ट पहुंच गए थे और न्यायालय ने लंच के बाद अभियोजन और बचाव दोनों पक्षों को तलब किया था. हालांकि इस दिन भी कार्य की अधिकता के चलते निर्णय टल गया था और न्यायालय ने 11 नवंबर की तारीख मुकर्रर की थी.

देर शाम कोर्ट ने सुनाया फैसला

शुक्रवार की दोपहर बाद विधायक को कोर्ट में तलब किया गया और दरवाजा बंद करके फैसला सुनाने की प्रक्रिया शुरू हुई. देर शाम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. जिस पर एमपीएमएल कोर्ट ने विधायक को आईपीसी की 4 धाराओं में दोषी पाया है. जिस पर 1 साल की सजा सुनाई गई है. वही विधायक की ओर से 8600 रुपये का बेल बॉन्ड जमा कराया गया है. ऐसे में जल्द ही विधायक को बेल पर रिहा कर दिया जाएगा. वही सजा 2 साल से कम है तो विधायिकी भी बची रहेगी.

यह थी घटना

बता दें कि 2 अक्टूबर 2011 वाणिज्य कर के असिस्टेंट कमिश्नर दिनेश पाल जीटी रोड पर मंधना के पास वाहनों की जांच कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने एक पिकअप वाहन को रोका. वाहन चालक ने किसी को फोन किया, जिसके बाद अमिताभ बाजपेई समेत 40-50 लोग पहुंचे और टीम को घेर लिया था. इस मामले में सरकारी कार्य में बाधा डालने, सरकारी कर्मियों के साथ मारपीट करने, बलवा और एससीएसटी के तहत बिठूर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था.

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