आउटसोर्स-संविदा कर्मचारियों को नियमित नियुक्तियों में दी जाये वरीयता : जेएन तिवारी

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारी धीरे-धीरे सेवा में आने की अधिकतम आयु सीमा पार कर रहे हैं. उनका भविष्य संरक्षित करने के लिए उन्हें नियमित नियुक्तियों में वरीयता देना जरूरी है.

By Prabhat Khabar Print Desk | September 12, 2022 7:22 PM

Lucknow: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित नियुक्तियों में वरीयता देने की मांग की है. उन्होंने इसके लिये प्रदेश के मुख्य सचिव डीपी मिश्रा को ज्ञापन भेजा है. जेएन तिवारी का कहना है कि प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों में लाखों की संख्या में आउटसोर्स कर्मचारी सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से कार्य कर रहे हैं. सेवा प्रदाता एजेंसियां आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण कर रही हैं.

सेवा प्रदाता एजेंसियों के शोषण के शिकार हैं कर्मचारी

जेएन तिवारी ने कहा कि सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति के बावजूद भी आउटसोर्स कर्मचारी सेवा प्रदाता एजेंसियों के शोषण के शिकार हैं. उनको मनमाने ढंग से सेवा से हटा दिया जाता है. मनमानी मजदूरी दिया जाना उनके शोषण का हिस्सा है. उनके वेतन संतक्षण के संबंध में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग के आदेश जारी किए गए हैं. लेकिन उनको नियमित सेवा में लेने की कोई योजना सरकार के पास नहीं है.

निर्धारित योग्यता के बावजूद हटा दिये जाते हैं आउटसोर्स कर्मचारी

एसजीपीजीआई, एनएचएम जैसे विभागों में आउटसोर्सिंग, संविदा पर कार्यरत कर्मचारी सृजित पदों के सापेक्ष निर्धारित योग्यता एवं अर्हता रखते हुए नियमानुसार गठित चयन समिति के माध्यम से चयनित होकर आए हैं. नियुक्तियां करते समय आउटसोर्स कर्मचारियों को सेवा से हटा दिया जाता है. कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है. जे एन तिवारी ने मुख्य सचिव से अनुरोध किया है कि नियमित नियुक्तियां करते समय आउटसोर्स, संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों की योग्यता एवं उनके द्वारा पूर्व में की गई सेवाओं को देखते हुए उन्हें वरीयता, प्राथमिकता दिए जाने पर शासन विचार करें.

सेवा में आने की अधिकतम आयु सीमा भी निकल रही

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारी धीरे-धीरे सेवा में आने की अधिकतम आयु सीमा पार कर रहे हैं. उनका भविष्य संरक्षित करने के लिए उन्हें नियमित नियुक्तियों में वरीयता देना जरूरी है. इस संबंध में पूर्व में मुख्य सचिव एवं अपर मुख्य सचिव के साथ चर्चा हो चुकी है. तय हुआ था कि “आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित पदों पर नियुक्ति में वरीयता दिया जाना चाहिए” लेकिन इस समय में आदेश अभी तक जारी नहीं हो सका है.

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