चौरी-चौरा ने दिया एक बड़ा संदेश, पीएम मोदी बोले- देश कभी ना भूले बलिदान

Chauri chaura Kaand Update: आजादी की लड़ाई के दौरान घटी चौरी चौरा की ऐतिहासिक घटना के शताब्दी समारोह की शुरुआत की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया. बता दें, 99 साल पहले आज के दिन ही चौरी-चौरा में आगजनी कांड हुआ था.

By Prabhat Khabar Print Desk | February 4, 2021 12:19 PM

आजादी की लड़ाई के दौरान घटी चौरी चौरा की ऐतिहासिक घटना के शताब्दी समारोह की शुरुआत की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया. बता दें, 99 साल पहले आज के दिन ही चौरी-चौरा में आगजनी कांड हुआ था. जो आजादी की लड़ाई की ऐतिहासिक घटनाओं में एक है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी चौरी-चौरा शताब्दी समारोहों को समर्पित एक डाक टिकट भी जारी किया है.

पीएम मोदी ने कहा कि भले ही चौरा-चौरा घटना को इतिहास में महत्वपूर्ण जगह नहीं मिली है. लेकिन यह बहुत महत्वपूर्ण घटना थी. ऐसे में पीएम मोदी ने चौरी चौरा की पवित्र भूमि पर देश के लिए बलिदान होने वाले, देश के स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा देने वाले वीर शहीदों के चरणों नमन किया. पीएम मोदी ने कहा कि, मैं उन शहीदों को प्रणाम करता हूं, आदरपूर्वक श्रद्धाजंलि देता हूं.

पीएम मोदी ने कहा कि, सौ वर्ष पहले चौरी-चौरा में जो हुआ वो सिर्फ एक आगजनी की घटना नहीं थी, महज एक थाने में आग लगाने की घटना नहीं थी, चौरी-चौरा ने देश को एक बड़ा संदेश दिया था. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि इसे एक मामूली आगजनी के रूप में नहीं देखना चाहिए, आगजनी क्यों हुई यह भी महत्वपूर्ण है.

पीएम मोदी ने कहा कि, आग भले ही थाने में लगी थी, लेकिन इसकी लपट जन-जन के दिलों में प्रज्ज्वलित हो चुकी थी. कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अब से यह कार्यक्रम पूरे साल आयोजित किये जाएंगे. और चौरी-चौरा के साथ ही हर गांव, हर क्षेत्र के वीर बलिदानियों को याद किया जाएगा. पीएम ने कहा कि, जब देश आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, ऐसे में इस तरह के समारोह का आयोजन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है.

गौरतलब है कि, चौरी चौरा गोरखपुर का एक गांव है. आजादी के आंदोलन के दौरान यह गांव ब्रिटिश पुलिस तथा स्वतंत्रता सेनानियों के बीच हुई हिंसक घटनाओं के कारण चर्चा में रहा. चौरी चौरा में 4 फरवरी, 1922 को स्थानीय पुलिस और राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच अप्रत्याशित संघर्ष हुआ और फिर क्रोध से भरी हुई भीड़ ने चौरी-चौरा के थाने में आग लगा दी थी. जिसमें 22 पुलिसकर्मी जिंदा जल गये थे.

भाषा इनपुट से साभार

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Posted by: Pritish Sahay

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