पीएम मोदी के सपनों की काशी में स्नान करने के दौरान भक्तों को दिखेगा मंदिर का शिखर, बनेगा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर

देव दीपावली मनाने वाराणसी आए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में काशी को लेकर अपना लक्ष्य बताया. यहां 55 हजार वर्गफुट में बाबा विश्वनाथ धाम बनाया जा रहा है. पीएम मोदी का सपना है कि गंगा में स्नान करने के बाद श्रद्धालु सीधे मंदिर तक पहुंच सकें, साथ ही स्नान करने के दौरान मंदिर का शिखर भक्तों को दिखे. अगस्त 2021 तक इस कॉरिडोर को पूरा बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

By Prabhat Khabar | December 1, 2020 8:02 AM

देव दीपावली मनाने वाराणसी आए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में काशी को लेकर अपना लक्ष्य बताया. यहां 55 हजार वर्गफुट में बाबा विश्वनाथ धाम बनाया जा रहा है. पीएम मोदी का सपना है कि गंगा में स्नान करने के बाद श्रद्धालु सीधे मंदिर तक पहुंच सकें, साथ ही स्नान करने के दौरान मंदिर का शिखर भक्तों को दिखे. अगस्त 2021 तक इस कॉरिडोर को पूरा बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

हर-हर महादेव के नारे से गूंजा काशी 

वाराणसी के राजघाट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हर-हर महादेव! काशी कोतवाल की जय, माता अन्नपूर्णा की जय, मां गंगा की जय. जो बोले सो निहाल, सतश्री अकाल. सभी काशीवासियों को, देशवासियों को कार्तिक पूर्णिमा देव दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं. सभी को गुरुनानक देवजी के प्रकाश पर्व की भी बधाई.’’

मोदी ने भोजपुरी में संबोधन की शुरुआत की

उन्होंने कहा नारायण का विशेष महीना यानी पुण्य कार्तिक मास के पुनमासी कहलन. इस पुनमासी पर गंगा में डुबकी लगावे, दान-पुन्य का महत्व रहल है. बरसों से दशाश्वमेघ, शीतला घाट या अस्सी पर सब डुबकी लगावत आवत रहल. पंडित राम किंकर महाराज पूरे कार्तिक महीना बाबा विश्वनाथ के राम कथा सुनावत रहलन. देश के हर कोने से लोग उनके कथा सुने आवे. कोरोना काल ने भले ही काफी कुछ बदल दिया है, लेकिन काशी की ऊर्जा, भक्ति, शक्ति उसको कोई थोड़े ही बदल सकता है.

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यही तो मेरी अविनाशी काशी है…

पीएम ने कहा कि सुबह से ही काशीवासी स्नान, ध्यान और दान में ही लगे हैं. काशी वैसे ही जीवंत है, काशी की गलियां वैसी ही ऊर्जा से भरी हैं, काशी के घाट वैसे ही दैदीप्यमान हैं. यही तो मेरी अविनाशी काशी है. काशी मां गंगा के सानिध्य में प्रकाश का उत्सव मना रही है. विश्वनाथ की कृपा से मुझे प्रकाश गंगा में डुबकी लगाने का अवसर मिल रहा है.

Posted by: Thakur Shaktilochan

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