Manish Gupta death case : मनीष गुप्ता की मौत मामले में NHRC ने गोरखपुर डीएम और एसएसपी के खिलाफ दर्ज की FIR

Manish Gupta death case: कानपुर के व्यवसायी मनीष गुप्ता की मौत मामले में NHRC ने गोरखपुर डीएम और एसएसपी के खिलाफ FIR दर्ज की है. यह एफआईआर रामपुर के एक्टिविस्ट के पत्र पर दर्ज की गई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 1, 2021 6:03 AM

Manish Gupta death case: गोरखपुर में कानपुर के व्यवसायी मनीष गुप्ता की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए गोरखपुर के जिलाधिकारी विजय किरण आनंद, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विपिन टांडा और थानाध्यक्ष के खिलाफ केस दर्ज किया है. यह केस रामपुर के आरटीआई एक्टिविस्ट के पत्र का संज्ञान लेते हुए दर्ज किया गया है.

रामपुर के नादरबाग मढ़ैया के रहने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट दानिश खां ने मनीष गुप्ता की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखा. इस पत्र में उन्होंने कहा कि गोरखपुर के इस चर्चित प्रकरण में पुलिस हीला-हवाली की कोशिश कर रही है, जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, प्रॉपर्टी डीलर मनीष की मौत पीटने से हुई है.

Also Read: Manish Gupta Death Case: मृतक व्यवसायी मनीष गुप्ता की पत्नी बनेंगी ओएसडी, केडीए में नए पद का होगा गठन

मनीष गुप्ता के पूरी शरीर पर गंभीर चोट के निशान मिले हैं. उसकी कोहनी, सिर और मांसपेशियों में गहरी चोट लगी है. मनीष के सिर के अगले हिस्से पर तेज प्रहार किया गया, जिससे उनके नाक के पास से खून बह रहा था. मनीष की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने उसकी झूठी कहानी की पोल खोलकर रख दी है.

Also Read: गोरखपुर में व्यापारी की मौत मामलाः कानपुर में परिजनों ने शव का दाह संस्कार रोका, सीएम योगी को बुलाने पर अड़े

हालांकि, पुलिस ने घटना के बाद अपने पहले बयान में इसे हादसे में हुई मौत बताया था. दानिश खां ने अपने पत्र में डीएम, एसएसपी और संबंधित थाना पुलिस पर कार्रवाई की मांग की थी. मानवाधिकार आयोग ने दानिश के पत्र का संज्ञान लेते हुए केस दर्ज कर लिया है.

बता दें, व्यवसायी मनीष गुप्ता की मौत पर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा, हमें सूचना मिली कि 27 सितंबर की रात एक होटल में चेकिंग की गई. एक कमरे में 3 लोग थे, जिनमें से 2 के पास पहचान पत्र थे जबकि तीसरे के पास शायद नहीं था. उसने भागने की कोशिश की, गिर गया और घायल हो गया. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई.

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा, डॉक्टरों के एक पैनल ने तुरंत उसका पोस्टमॉर्टम किया. मामले में 6 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. जब उनका परिवार वहां पहुंचा, तो मृतक की पत्नी ने शिकायत दर्ज की, जिसके आधार पर संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई और सरकार से मुआवजे की भी घोषणा की गई.

Also Read: गोरखपुर में पुलिस की पिटाई से व्यापारी की मौत, अखिलेश यादव बोले- यूपी को हिंसा में धकेलने वाले इस्तीफा दें

एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया, आज मनीष गुप्ता के शव का अंतिम संस्कार किया गया. दोषियों को बख्शा न जाएगा. संबंधित एडीजी-डीआईजी रेंज के अधिकारी इसकी जांच करें. 2 समितियां, जो पहले बनी थीं, उन लोगों की पहचान करेंगी जो दागी हैं और जिनके खिलाफ ऐसी शिकायतें हैं. निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए गए हैं.

Posted By: Achyut Kumar

Next Article

Exit mobile version