Kanpur Police Encounter : विकास दुबे ने थाने में घुसकर कर दी थी भाजपा के मंत्री की हत्या, जानिए आपराधिक इतिहास…

उत्तर प्रदेश के कानपुर में गुरुवार देर रात छापेमारी करने गई पुलिस के उपर अपराधियों ने ताबड़तोड फायरिंग कर दिया.जिसके कारण डीएसपी समेत 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. इस घटना का मुख्य आरोपी विकास दुबे बताया जा रहा है. जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस गई थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 3, 2020 2:49 PM

उत्तर प्रदेश के कानपुर में गुरुवार देर रात छापेमारी करने गई पुलिस के उपर अपराधियों ने ताबड़तोड फायरिंग कर दिया.जिसके कारण डीएसपी समेत 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. इस घटना का मुख्य आरोपी विकास दुबे बताया जा रहा है. जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस गई थी.

Also Read: BSP MLA Murder Case: पूर्व सांसद अतीक अहमद का भाई गिरफ्तार, सपा विधायक रहे अशरफ पर था एक लाख का इनाम…
कौन है अपराधी विकास दुबे ?

बताया जाता है कि विकास दुबे उत्तरप्रदेश के राजनीतिक गलियारे में काफी पैठ रखता है. वह अपनी दबंगता से गैर कानूनी तरीके से काफी सारी संपत्ति बना चुका है. कई जमीनों पर उसने आजतक अवैध कब्जे किए. उसकी दबंगता की कहानी एक दशक से अधिक समय की है. साल 2000 के दौरान शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या हुई. जिसमें विकास दुबे का नाम काफी उछला. इसी साल शिवली थानाक्षेत्र में ही रामबाबू यादव की हत्या हुई. जिसमें विकास दुबे पर जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप लगा.

दर्जाप्राप्त कद्दावर राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की थाने में हुई हत्या का था आरोपी

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर संगीन अपराध के मामले बढ़ते ही गए. साल 2001 में विकास दुबे के उपर दर्जाप्राप्त कद्दावर राज्यमंत्री संतोष शुक्ला के हत्या का भी आरोप लगा. संतोष शुक्ला भाजपा के नेता थे. वो तत्कालीन श्रम संविदा बोर्ड के चैयरमेन थे. जिनकी हत्या के बाद एसटीएफ ने विकास दुबे को लखनऊ से गिरफ्तार किया था. मंत्री संतोष शुक्ला कानपुर देहात के शिवली थाने के अंदर बैठे थे. विकास दुबे ने थाने के अंदर घुसकर संतोष शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

भाजपा नेता संतोष शुक्ला से इस तरह हुई थी दुश्मनी

हालांकि कोई गवाह न मिलने के कारण विकास दुबे इस केस में बरी हो गया था. उस दौरान पुछताछ के क्रम में विकास दुबे ने बताया था कि वर्ष 1996 में कानुपर की चौबेपुर विधानसभा क्षेत्र से हरिकृष्ण श्रीवास्तव व संतोष शुक्ला चुनाव लड़े थे. जिसमें हरिकृष्ण श्रीवास्तव विजयी हुए थे. विजय जुलूस निकलने के दौरान दोनो गुटों में विवाद हुआ था. इस विवाद में विकास दुबे का भी नाम आया था. उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था. कहा जाता है कि यहीं से उसकी रंजिश भाजपा नेता संतोष शुक्ला से शुरू हुई और विकास ने उन्हें निशाने पर ले लिया था. और 11 नवंबर 2001 को विकास दुबे ने कानपुर के थाना शिवली के अंदर घुसकर संतोष शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

60 से अधिक मामले में विकास दुबे आरोपी

इसके साथ ही वर्ष 2004 में केबिल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले के साथ-साथ 60 से अधिक मामले में विकास दुबे आरोपी है. इन्हीं अपराधों की सूची में एक मामले में हाल में ही कानपुर के ही राहुल तिवारी नाम के व्यक्ति ने इसके खिलाफ एक मामला दर्ज कराया था. जिसके बाद पुलिस इसे पकड़ने के लिए छापेमारी करने गई थी.

विकास दुबे को छापेमारी  की भनक लग चुकी थी

यूपी के डीजीपी के अनुसार विकास दुबे को इसकी भनक लग चुकी थी. इसलिए उसने सारी तैयारी पहले ही कर ली थी. उसने सुनियोजित तरीके से जेसीबी लगाकर पुलिस का रास्ता रोका. और पुलिसकर्मी जैसे ही अपनी गाड़ी से बाहर निकले, घात लगाकर बैठे विकास दुबे और उसके साथियों ने मकान के छत से ताबड़तोड गोलियां दागनी शुरू कर दी. जिसमें पुलिस विभाग के डीएसपी समेत 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. वहीं 7 पुलिसकर्मी घायल बताए जा रहे हैं.

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

Next Article

Exit mobile version