Gola Gokarannath By-Election: गोला गोकर्णनाथ विधानसभा है बीजेपी के लिये महत्वपूर्ण, ये हैं समीकरण?

लखीमपुर खीरी जिले की गोला विधानसभा में 3 नवंबर को मतदान है. इस सीट का रिजल्ट 6 नवंबर को आएगा. यहां के विधायक रहे अरविंद गिरी की हार्ट अटैक से मृत्यु के बाद यह सीट खाली हुई थी. अब उनके बेटे अमन गिरी चुनाव मैदान में हैं. वहीं समाजवादी पार्टी से विनय तिवारी मैदान में हैं.

By Amit Yadav | November 3, 2022 6:47 AM

Gola Gokarannath By-Election: लखीमपुर खीरी की गोला विधानसभा में 3 नवंबर गुरुवार को मतदान है. यहां के विधायक रहे अरविंद गिरी की हार्ट अटैक से मृत्यु के बाद यह सीट खाली हुई थी. अब उनके बेटे अमन गिरी चुनाव मैदान में हैं. वहीं समाजवादी पार्टी से विनय तिवारी मैदान में हैं. बीजेपी ने गोला विधानसभा पर फिर से कब्जा पाने के लिये पूरी ताकत झोंक दी है.

सीएम योगीआदित्यनाथ ने किया प्रचार

गोला विधानसभा उपचुनाव (Gola Gokarannath By-Election) जीतने के लिये भारतीय जनता पार्टी ने मंत्रियों की पूरी फौज को उतारा. सीएम योगी आदित्यनाथ भी यहां प्रचार के लिये गये थे. इसके अलावा यादव जाति के पुलिस वालों को छुट्टी देकर उपचुनाव से दूर रखने और प्रत्याशी विनय तिवारी पर मिनी गुंडा एक्ट लगाना भी काफी चर्चा में रहा था. यह रणनीति बताती है कि बीजेपी किसी भी तरह से इस सीट को खोना नहीं चाहती है.

अमन के पक्ष में सहानुभूति की लहर

स्थानीय विधायक रहे अरविंद गिरी की मृत्यु के बाद खाली हुई गोला विधान सभा सीट (Gola Gokarannath By-Election) पर उनके बेटे अमन गिरी मैदान में हैं. माना जा रहा है कि बीजेपी की रणनीति और अमन गिरी को स्थानीय जनता की सहानुभूति इस सीट पर सपा की दाल गलने नहीं देगी. गोला का विधानसभा चुनाव में सहानुभूति की लहर चल रही है. लेकिन कुछ प्रशासनिक फैसलों ने बीजेपी को बैकफुट पर ढकेला है. जीत की स्थिति में होने के बावजूद एक खास जाति के पुलिस वालों को छुट्टी पर भेजने की कवायद ने बीजेपी और सरकार के मन में कहीं न कहीं डर भी दिख रहा है.

अखिलेश यादव ने नहीं किया प्रचार

आजमगढ़ और रामपुर के लोकसभा उपचुनाव में अखिलेश यादव ने प्रचार नहीं किया था. इसका नतीजा उन्हें बहुत ही नजदीकी मुकाबले में दोनों लोकसभा सीटें गंवानी पड़ी थी. गोला विधानसभा उपचुनाव (Gola Gokarannath By-Election) में भी वह प्रचार के लिये नहीं गये. हालांकि उन्होंने सपा के वरिष्ठ नेताओं को वहां लगाया था. लेकिन सपा कार्यकर्ताओं और जनता के बीच अखिलेश यादव की डिमांड हमेशा ही बनी रहती है. इसलिये गोला विधानसभा में सपाईयों को अखिलेश यादव की कमी खटक रही है.

बहुत महत्वपूर्ण है गोला विधानसभा की जीत

गोला विधानसभा उपचुनाव (Gola Gokarannath By-Election) में जीत हासिल करना बीजेपी-सपा के लिये बहुत महत्वपूर्ण है. बीजेपी यहां अपनी पकड़ को बरकरार रखने के लिये कोई लापरवाही नहीं करना चाहती है. वहीं सपा फिर से इस विधानसभा में अपनी बढ़त बनाना चाहती है. गोला विधानसभा की जीत लखीमपुर ही नहीं शाहजहांपुर, पीलीभीत, सीतापुर, बहराइच, बरेली सहित तराई के जिलों की 100 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर असर डालेगी. इसलिये बीजेपी और सीएम योगी आदित्यनाथ यहां किसी तरह की ढील देने के मूड में नहीं हैं.

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