AMU वीसी के नाम से सोशल मीडिया में फर्जीवाड़ा, पुराने मामलों का भी नहीं हुआ खुलासा

किसी ने फर्जी नंबर से AMU के वीसी प्रफेसर तारिक मंसूर के नाम से व्हाट्सएप अकाउंट बनाया है. इस पर एएमयू के कुलपति का फोटो और स्टेटस भी लगाया हुआ है. फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाने के बाद एएमयू के पश्चिम बंगाल स्थित सेंटर समेत अन्य जगहों पर प्रोफेसर व अधिकारियों को उस व्हाट्सएप अकाउंट से मैसेज भेजे गए.

By Prabhat Khabar | June 24, 2022 5:26 PM

Aligarh News: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू/AMU) के वीसी के नाम से सोशल मीडिया पर फर्जीवाड़ा करने के कई बार मामले सामने आए. मगर पुलिस आज तक किसी भी मामले को खोल नहीं पाई. फिर एक नया मामला सामने आया है. एएमयू वीसी का फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाने पर मुकदमा दर्ज कराया गया है.

फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट से मैसेज

किसी ने फर्जी नंबर से एएमयू के वीसी प्रफेसर तारिक मंसूर के नाम से व्हाट्सएप अकाउंट बनाया है. इस पर एएमयू के कुलपति का फोटो और स्टेटस भी लगाया हुआ है. फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाने के बाद एएमयू के पश्चिम बंगाल स्थित सेंटर समेत अन्य जगहों पर प्रोफेसर व अधिकारियों को उस व्हाट्सएप अकाउंट से मैसेज भेजे गए. मैसेज मिलने के बाद लोगों ने जब ईमेल के जरिए वीसी से संपर्क किया तो फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाने की बात सामने आई. एएमयू के वीसी के नाम से फर्जी व्हाट्सएप पर अकाउंट बनाने पर एएमयू के प्रॉक्टर ऑफिस मोहम्मद वसीम अली ने थाना सिविल लाइंस में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस मामले में जांच कर रही है, पर अभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त से कोसों दूर है.

पूर्व के मामलों का भी नहीं हुआ खुलासा

एएमयू के वीसी प्रोफेसर तारिक मंसूर के नाम से पूर्व के वर्षों में भी सोशल मीडिया पर फर्जी मेल आईडी आदि बनाने और उससे पैसे मांगने के मामले सामने आते रहे हैं. उन पर मुकदमा भी होता रहा है लेकिन पुलिस आज तक ऐसे किसी भी मामले का खुलासा नहीं कर पाई है.

  • अप्रैल 2020 में असामाजिक तत्वों ने सोशल मीडिया और इंटरनेट का दुरुपयोग करते हुए एएमयू कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर के नाम से गलत संदेश भेजे थे. थाना सिविल लाइन में आईटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी गई थी.

  • फरवरी 2021 में एएमयू के कुलपति के नाम से फर्जी ईमेल आईडी बनाई गई थी, जिससे मेल भेजे गए थे. मामले को लेकर थाना सिविल लाइंस में रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी.

  • मार्च 2022 में भी असामाजिक तत्वों के द्वारा एएमयू वीसी के नाम से फर्जी ईमेल आईडी बनाकर के संदेश भेजे जा रहे थे और पैसों की डिमांड की जा रही थी. इस मामले में एफआईआर दर्ज कराया गया था.

रिपोर्ट : चमन शर्मा

Next Article

Exit mobile version