Bikru Kand: जब आधी रात पुलिसकर्मियों पर बरसने लगी थीं गोलियां, 6 बीघा जमीन दे गई बेहिसाब जख्म, पढ़ें

Bikru Kand Kanpur News: कानपुर के बिकरू कांड की याद आज एक बार फिर लोगों के दिलों में ताजा हो गई है, क्योंकि दो साल पहले आज ही के दिन यानी 2 जुलाई 2020 को आधी रात के बाद करीब 12 बजे कानपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए दबिश देने गई पुलिस टीम पर....

By Prabhat Khabar | July 2, 2022 12:30 PM

Bikru Kand Kanpur News: कानपुर जिले के बिकरू कांड की याद आज एक बार फिर लोगों के दिलों में ताजा हो गई है, क्योंकि दो साल पहले आज ही के दिन यानी 2 जुलाई 2020 को आधी रात के बाद करीब 12 बजे कानपुर में कुछ ऐसी घटना घटी जिसकी किसी ने कभी कल्पना तक नहीं की थी. चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए दबिश देने गई पुलिस टीम पर अचानक गोलियां बरसाना शुरू हो गई थी. इस घटना में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, जबकि कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे.

बिकरू कांड में 66 लोगों की गिरफ्तारी, 6 एनकाउंटर

पुलिस टीम पर कुख्यात अपराधी विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर ताबतोड़ गोलियों से हमला कर दिया था. इस घटना के बाद एक्शन में आई पुलिस ने 3 जुलाई 2020 की सुबह से एनकाउंटर की शुरुआत कर दी थी. घटना के बाद कुल 6 एनकाउंटर किए गए. साथ ही आरोपियों को पकड़ने के लिए दबिश देनी शुरू की. 9 दिनों तक ताबतोड़ एनकाउंटर के बाद पुलिस के हाथ बिकरु कांड का मुख्य आरोपी विकास दुबे लगा, जिसे मध्यप्रदेश पुलिस ने उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया था. कानपुर लाते समय भौति के पास एनकाउंटर में विकास दुबे मारा गया. जबकि 66 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है.

क्या थी बिकरु कांड की वजह

दरअसल, 2-3 जुलाई 2020 को घटी बिकरू गांव की घटना के पीछे मुख्य वजह यह थी कि चौबेपुर थाने में जादेपुर गांव के रहने वाले राहुल तिवारी की तरफ से विकास दुबे और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी, जिसको लेकर दबिश देने के लिए पुलिस टीम दो जुलाई 2020 की रात बिकरू पहुंची थी. दरअसल, जादेपुर निवासी राहुल तिवारी की शादी पड़ोस के गांव मोहनी निवादा निवासी लल्लन शुक्ला की बेटी के साथ हुई थी. लल्लन का भांजा सुनील उनके बिकास दुबे के साथ रहने लगा था. सुनील की शादी विकास दुबे के भतीजे शिवम दुबे की बहन से हुई थी.

किसने दर्ज कराई थी FIR, जिसकी दबिश देने गई थी पुलिस

लल्लन की मृत्यु के बाद सुनील ने दावा किया कि मरने से पहले मामा उसे साढ़े छह बीघा जमीन दान में दे गए हैं. इसी आधार पर सुनील ने जमीन का बैनामा भी अपने नाम से करवा लिया था. राहुल तिवारी ने इस बैनामे को कोर्ट में चुनौती दी. करोड़ों की कीमत वाली जमीन पर विकास दुबे की नीयत भी खराब हुई और यही बिकरू कांड की सबसे बड़ी वजह बन गई. बिकरू कांड से समय राहुल के बयान मुताबिक, अधिकारी चाहें तो उसकी जमीन का विवाद भी खत्म हो सकता है, मगर कोई सुनवाई ही नहीं कर रहा है. मजबूरी में आकर एफआईआर दर्ज कराई थी.

इन जमीनों का खत्म हुआ विवाद

विकास दुबे से जुड़े तमाम जमीनों के विवाद थे, जिसमें तारा चंद्र इंटर कालेज के प्राचार्य सिद्धेश्वर पांडेय की पांच करोड़ की जमीन सबसे अहम थी. अब दोबारा से पांडेय परिवार को इस जमीन का स्वामित्व मिल गया है. वहीं शिवली के संतोष मिश्रा की छह बीघा जमीन पर विकास ने 20 साल पहले कब्जा कर लिया था. यह जमीन भी अब उनको मिल गई है. इसी तरह से उधारी के बहाने विकास दुबे ने मुन्ना यादव की सात बीघा जमीन कब्जा ली थी. इसमें से चार बीघा जमीन उन्हें वापस मिल गई है, और जो जमीन उसने विकास के नाम कर दी थी, उसे वापस लेने के लिए उसने अदालत में केस कर दिया है.

रिपोर्ट: आयुष तिवारी

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