नकल पर नकेल : 5 दिन में करीब 10.5 लाख परीक्षार्थियों ने छोड़ी यूपी बोर्ड की परीक्षा

इलाहाबाद : नकल के खिलाफ सख्ती को देखते उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की 2018 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा बीच में छोड़ने का सिलसिला आज पांचवें दिन भी जारी रहा. परीक्षा बीच में ही छोड़ने वाले परीक्षार्थियों की संख्या आज 10,47,406 पर पहुंच गयी. उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी आंकड़ों के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 10, 2018 5:05 PM

इलाहाबाद : नकल के खिलाफ सख्ती को देखते उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की 2018 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा बीच में छोड़ने का सिलसिला आज पांचवें दिन भी जारी रहा. परीक्षा बीच में ही छोड़ने वाले परीक्षार्थियों की संख्या आज 10,47,406 पर पहुंच गयी.

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, परीक्षा में अब तक कुल 414 नकलची पकड़े गये हैं, जबकि पिछले वर्ष हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में इस अवधि में कुल 642 परीक्षार्थी नकल करते हुए पकड़े गये थे. उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि इस साल काफी सख्ती है और अब परीक्षार्थियों को समझ में आ चुका है कि नकल के भरोसे परीक्षा पास करना नामुमकिन है.

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के अपर सचिव (प्रशासन) शिव लाल के मुताबिक, परीक्षा के प्रथम दिन 1,80,826 परीक्षार्थियों ने बीच में ही परीक्षा छोड़ दी, जबकि दूसरे दिन यह संख्या बढ़कर 2,14,265 और तीसरे दिन यह बढ़कर 6,33,217 पहुंच गयी. कल यह आंकड़ा तेजी से बढ़कर 10,44,619 पर पहुंच गया. हालांकि परीक्षा बीच में छोड़ने वाले परीक्षार्थियों की संख्या कल के मुकाबले बहुत मामूली रूप से बढ़ी है.

6 फरवरी से प्रारंभ हुई है परीक्षा
यूपी बोर्ड की परीक्षा छह फरवरी से प्रारंभ हुई है. शिव लाल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की तरह परीक्षा प्रणाली को लेकर बहुत सख्त हैं, इसलिए परीक्षा नकल विहीन हो, इसको लेकर पूरा तंत्र सक्रियता के साथ काम कर रहा है.

1992 में लाया गया था नकल विरोधी अध्यादेश
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1992 में प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और शिक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नकल विरोधी अध्यादेश लाए थे. इसके तहत परीक्षा में नकल को गैर जमानती अपराध की श्रेणी में डाला गया था. परीक्षा में नकल करते बड़ी संख्या में पकड़े गये विद्यार्थियों को जेल भी जाना पड़ा था.

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