राजस्थान में BSP के सभी 6 विधायकों का दल-बदल, भड़कीं मायावती, कहा- गैर भरोसेमंद और धोखेबाज है कांग्रेस

लखनऊः राजस्थान में बसपा के सभा छह विधायक सोमवार रात कांग्रेस में शामिल हो गए. इसे नगर निकाय और पंचायत चुनावों से पहले राज्य की अशोक गहलोत सरकार के लिए बड़ी राजनीतिक सफलता के रूप में देखा जा रहा है. इधर इस बात से नाराज बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस पर ही हमला बोल दिया. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 17, 2019 1:58 PM

लखनऊः राजस्थान में बसपा के सभा छह विधायक सोमवार रात कांग्रेस में शामिल हो गए. इसे नगर निकाय और पंचायत चुनावों से पहले राज्य की अशोक गहलोत सरकार के लिए बड़ी राजनीतिक सफलता के रूप में देखा जा रहा है. इधर इस बात से नाराज बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस पर ही हमला बोल दिया. उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और कांग्रेस पर निशाना साधा.

उन्होंने पहला ट्वीट किया, ‘राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने एक बार फिर बसपा के विधायकों को तोड़कर गैर-भरोसेमन्द एवं धोखेबाज पार्टी होने का प्रमाण दिया है. यह बसपा मूवमेन्ट के साथ विश्वासघात है जो दोबारा तब किया गया है जब बसपा वहां कांग्रेस सरकार को बाहर से बिना शर्त समर्थन दे रही थी.

बसपासुप्रीमो ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा, ‘कांग्रेस अपनी कटु विरोधी पार्टी/संगठनों से लड़ने के बजाए हर जगह उन पार्टियों को ही सदा आघात पहुंचाने का काम करती है जो उन्हें सहयोग/समर्थन देते हैं. कांग्रेस इस प्रकार एससी, एसटी, ओबीसी विरोधी पार्टी है तथा इन वर्गों के आरक्षण के हक के प्रति कभी गंभीर एवं ईमानदार नहीं रही है.

इसके बाद एक अन्य ट्वीट किया, ‘कांग्रेस हमेशा ही बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर एवं उनकी मानवतावादी विचारधारा की विरोधी रही. इसी कारण डॉ. आम्बेडकर को देश के पहले कानून मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. कांग्रेस ने उन्हें न तो कभी लोकसभा में चुनकर जाने दिया और न ही भारतरत्न से सम्मानित किया. अति-दुःखद एवं शर्मनाक.’

गौरतलब है कि बसपा के छह विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा (उदयपुर वाटी), जोगेंद्र सिंह अवाना (नदबई), वाजिब अली (नगर), लाखन सिंह (करौली), संदीप कुमार (तिजारा) और दीपचंद खेरिया (किशनगढ़ बास) कांग्रेस में शामिल हुए.

बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय से राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार और अधिक मजबूत और स्थिर हो गयी है. 200 सीटों वाली विधानसभा में अब कांग्रेस के पास 106 विधायक हो गए हैं और उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल के पास एक विधायक है.

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