राज्यसभा चुनाव : कांग्रेस को वोट देने पर माकपा एमएलए एक साल के लिए निलंबित

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (माकपा) ने हालिया राज्यसभा चुनाव में पार्टी के निर्देशों का पालन नहीं करने पर राजस्थान के पार्टी विधायक बलवान पूनिया भादरा को एक साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया. इसके साथ ही, पूनिया को कारण बताओ नोटिस दिया गया है. पूनिया ने कहा है कि वह अपना जवाब पार्टी को दे देंगे. पार्टी के राज्य सचिव अमराराम ने एक बयान में बताया कि विधायक बलवान पूनिया को राज्यसभा चुनाव में पार्टी अनुशासन भंग कर कार्य करने पर पार्टी सदस्यता से एक वर्ष के लिए तुरंत प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय किया है. पार्टी के राज्य सचिव मंडल की सोमवार को हुई बैठक में यह फैसला किया गया.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 22, 2020 8:13 PM

जयपुर : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (माकपा) ने हालिया राज्यसभा चुनाव में पार्टी के निर्देशों का पालन नहीं करने पर राजस्थान के पार्टी विधायक बलवान पूनिया भादरा को एक साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया. इसके साथ ही, पूनिया को कारण बताओ नोटिस दिया गया है. पूनिया ने कहा है कि वह अपना जवाब पार्टी को दे देंगे. पार्टी के राज्य सचिव अमराराम ने एक बयान में बताया कि विधायक बलवान पूनिया को राज्यसभा चुनाव में पार्टी अनुशासन भंग कर कार्य करने पर पार्टी सदस्यता से एक वर्ष के लिए तुरंत प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय किया है. पार्टी के राज्य सचिव मंडल की सोमवार को हुई बैठक में यह फैसला किया गया.

उन्होंने कहा कि सचिव मंडल की बैठक में हाल ही में संपन्न राज्यसभा चुनाव में पार्टी विधायक बलवान पूनिया द्वारा पार्टी अनुशासन भंग कर कार्य करने की भूमिका पर विचार-विमर्श करने के बाद उन्हें पार्टी निर्णय के विपरीत कार्य करने का दोषी मानते हुए पार्टी सदस्यता से एक वर्ष के लिए तुरंत प्रभाव से निलंबित करने का फैसला किया गया. उन्होंने बताया कि उन्हें पार्टी की ओर से कारण बताओ नोटिस भी दिया गया है, जिसका जवाब उन्हें सात दिन के अंदर देना है.

वहीं, विधायक पूनिया ने संपर्क करने पर कहा कि वह अपना जवाब पार्टी को दे देंगे. विधायक ने समाचार एजेंसी भाषा से कहा कि पार्टी ने मुझे एक साल के लिए निलंबित कर सात दिन में जवाब मांगा है. मैं अपना जवाब पार्टी को दे दूंगा. उन्होंने मेरे आचरण को पार्टी निर्देशों का उल्लंघन माना है. कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ मेरा समर्थन मांगा था, इसलिए मैंने वोट किया. मतदान प्रक्रिया के दौरान मुझे कैसे पता चलता कि भाजपा के दूसरे प्रत्याशी को कितने वोट मिलेंगे.

Also Read: इतिहास में पहली बार राज्यसभा में बीजेपी सांसदों की संख्या 100 के पार, फिर भी बहुमत से दूर

पार्टी सूत्रों ने बताया कि पार्टी संगठन ने राज्य में अपने विधायकों से कहा था कि वे राज्यसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ तभी वोट करें, अगर भाजपा के दूसरे प्रत्याशी के जीतने के आसार हों. हालांकि, माकपा विधायक बलवान पूनिया भादरा ने कांग्रेस के प्रत्याशी को वोट डाला, जबकि यह लगभग तय था कि कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी आसानी से जीत जाएंगे और भाजपा का दूसरा प्रत्याशी हारेगा. पार्टी सूत्रों के अनुसार, ऐसी स्थिति में पूनिया को वोट नहीं डालना चाहिए था, क्योंकि इसकी जरूरत नहीं थी.

Posted By : Vishwat Sen

Next Article

Exit mobile version