आखिर क्यों बंद हुए बीएमसी के कई टीकाकरण केंद्र, जबकि प्राइवेट अस्पतालों के बाद वैक्सीन के लाखों डोज थे मौजूद

मुंबई : कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में टीकाकरण (Corona Vaccinnation) को मुख्य हथियार माना जा रहा है. 45 प्लस के लोगों के लिए राज्यों को केंद्र सरकार फ्री में वैक्सीन (Corona Vaccine) उपलब्ध करा रही है. वहीं 1 मई से जब 18 प्लस के लिए वैक्सीनेशन शुरू किया गया तब केंद्र ने राज्यों और प्राइवेट अस्पतालों को उत्पादकों से टीके की सीधी खरीद को मंजूरी दे दी. एक हफ्ते पहले, 3 जून को, जब बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC)और राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे टीकाकरण केंद्रों को टीके की कमी के कारण बंद रहना पड़ा था. उस समय लाखों खुराकें निजी अस्पतालों के पास मौजूद थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2021 10:36 AM

मुंबई : कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में टीकाकरण (Corona Vaccinnation) को मुख्य हथियार माना जा रहा है. 45 प्लस के लोगों के लिए राज्यों को केंद्र सरकार फ्री में वैक्सीन (Corona Vaccine) उपलब्ध करा रही है. वहीं 1 मई से जब 18 प्लस के लिए वैक्सीनेशन शुरू किया गया तब केंद्र ने राज्यों और प्राइवेट अस्पतालों को उत्पादकों से टीके की सीधी खरीद को मंजूरी दे दी. एक हफ्ते पहले, 3 जून को, जब बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC)और राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे टीकाकरण केंद्रों को टीके की कमी के कारण बंद रहना पड़ा था. उस समय लाखों खुराकें निजी अस्पतालों के पास मौजूद थे.

पहले की वैक्सीन नीति के तहत जब राज्यों और निजी क्षेत्रों को सीधे निर्माताओं से प्रत्येक वैक्सीन उत्पादन का 25 प्रतिशत खरीदने की अनुमति दी गयी थी, महाराष्ट्र ने मई में 25.10 लाख कोविड-19 वैक्सीन खुराक की खरीद की थी. दूसरी ओर, निजी अस्पतालों ने 32.38 लाख खुराक खरीदी, जो किसी भी राज्य में सबसे अधिक है. यह मुंबई में सबसे अधिक था, निजी अस्पतालों ने 22.37 लाख खुराक की खरीद की. जो राज्य सरकार द्वारा बीएमसी को आवंटित 5.23 लाख खुराक से चार गुना अधिक थी.

अप्रैल में, जब निजी अस्पताल सीधे वैक्सीन उत्पादकों से नहीं खरीद सकते थे, तब बीएमसी को राज्य से बहुत अधिक मात्रा में – 9.47 लाख खुराक प्राप्त हुई थी. 8 जून से वैक्सीन नीति में एक बार फिर बदलाव किया गया है. राज्यों के दबाव और सुप्रीम कोर्ट द्वारा उठाये गये सवालों के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम एक संबोधन में घोषणा की थी कि केंद्र 25 प्रतिशत वैक्सीन उत्पादन की खरीद करेगा जिसे राज्यों को सीधे खरीदने की अनुमति दी गयी थी. उन्होंने कहा कि केंद्र 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीकाकरण के लिए राज्यों को मुफ्त वैक्सीन देगा.

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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बीएमसी के पास उपलब्ध आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि 1 मई से 2 जून तक, निजी अस्पतालों ने मुंबई में केवल 3.34 लाख खुराकें दीं. इसका मतलब है कि वे अपने कुल स्टॉक का लगभग 15 फीसदी ही इस्तेमाल कर पाए. यह राष्ट्रीय स्तर पर 17 प्रतिशत उपयोग से कम है. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने हाल ही में कहा था कि देश के निजी अस्पतालों ने मई में संचयी रूप से 1.29 करोड़ खुराक की खरीद की, और केवल 22 लाख खुराक (कुल खरीद का 17 प्रतिशत) प्रशासित की.

दूसरे शब्दों में, मुंबई में निजी अस्पतालों द्वारा खरीदे गए कुल 22.37 लाख में से 13.04 लाख खुराक 3 जून को स्टॉक में होने का अनुमान है (मई में कुल खरीद का 64 प्रतिशत). वह भी उस समय जब वैक्सीन की कमी के कारण मुंबई में सरकारी टीकाकरण केंद्र बंद थे. यह नागरिक निकाय के साथ अच्छा नहीं हुआ. इस सप्ताह राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ एक बैठक में, बीएमसी ने यह बात कही और वैक्सीन की अनुपातिक उपलब्धता पर चिंता जताई. बीएमसी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह इक्विटी पर सवाल उठाता है. निजी क्षेत्र अपनी क्षमता से अधिक खरीद कर रहे हैं.

Posted By: Amlesh Nandan.

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