बॉम्बे हाइकोर्ट ने रद्द किया अमरावती सांसद नवनीत राणा का जाति प्रमाणपत्र, धोखाधड़ी के लिए 2 लाख का जुर्माना भी लगाया

मुंबई : बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने मंगलवार को महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत कौर राणा (Navneet Kaur Rana) का जाति प्रमाण पत्र यह कहते हुए रद्द कर दिया कि यह धोखाधड़ी से प्राप्त किया गया है. हाई कोर्ट ने कहा कि यह प्रमाणपत्र (caste certificate) जाली दस्तावेजों के आधार पर तैयार करवाया गया है. कोर्ट ने 6 सप्ताह के अंदर प्रमाणपत्र वापस करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने सांसद पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 9, 2021 9:05 AM

मुंबई : बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने मंगलवार को महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत कौर राणा (Navneet Kaur Rana) का जाति प्रमाण पत्र यह कहते हुए रद्द कर दिया कि यह धोखाधड़ी से प्राप्त किया गया है. हाई कोर्ट ने कहा कि यह प्रमाणपत्र (caste certificate) जाली दस्तावेजों के आधार पर तैयार करवाया गया है. कोर्ट ने 6 सप्ताह के अंदर प्रमाणपत्र वापस करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने सांसद पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

न्यायमूर्ति आर डी धनुका और न्यायमूर्ति वी जी बिष्ट की खंडपीठ ने सांसद पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया जो उन्हें दो सप्ताह के अंदर महाराष्ट्र विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा कराना होगा. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने कहा कि चूंकि उसने जाली और फर्जी दस्तावेजों का प्रदर्शन कर इसे प्रमाणपत्र धोखे से सत्यापन किया था, इसलिए जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया गया और जब्त कर लिया गया.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, हाई कोर्ट ने कहा कि अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए ‘मोची’ जाति से संबंधित होने का उनका दावा फर्जी था. अदालत ने यह भी कहा कि उन्होंने इस तरह की श्रेणी से एक उम्मीदवार को दिये गये लाभों का लाभ उठाने के इरादे से बनाया, यह जानते हुए भी कि वह उस जाति से संबंधित नहीं है. कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अमरावती सांसद ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है.

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सांसद नवनीत कौर राणा ने कहा कि मैं इस देश के नागरिक के रूप में अदालत के आदेश का सम्मान करती हूं. मैं सुप्रीम कोर्ट का रुख करूंगी. मुझे विश्वास है कि मुझे न्याय मिलेगा. बॉम्बे हाईकोर्ट ने वरिष्ठ शिवसेना नेता आनंदराव अदसुले की शिकायत पर विधायक का जाति प्रमाण पत्र रद्द करने का आदेश सुनाया. अदसुले को 2019 के लोकसभा चुनाव में राणा ने हराया था, नवनीत कौर कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के समर्थन से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी.

पूर्व तेलुगु अभिनेत्री राणा ने युवा स्वाभिमानी पक्ष (YSP) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, जो उनके पति रवि राणा द्वारा गठित एक राजनीतिक संगठन था. अदसुले ने पहले मुंबई जिला जाति प्रमाणपत्र जांच समिति में शिकायत दर्ज करायी थी, लेकिन वहां प्रमाणपत्र को वैध करार दिया गया. इसके बाद अदसुले ने हाई कोर्ट का रुख किया. जहां जाति प्रमाणपत्र को रद्द कर दिया गया.

Posted By: Amlesh Nandan

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