बैचलर मत रहना…आखिर असदुद्दीन ओवैसी ने क्‍यों कही ये बात

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी मुस्लिम युवाओं से यह पूछ रहे थे कि क्या वे अपने बच्चों को अनपढ़ और गरीब ही रखना पसंद करेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 12, 2021 11:33 AM

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को अपने विरोधियों पर जोरदार हमला किया. उन्होंने मुस्लिमों को ‘‘राजनीतिक धर्मनिरपेक्षता” से दूर रहने की सलाह देते हुए कहा कि इससे समुदाय के सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े लोगों को नौकरी और शिक्षा में आरक्षण लेने में मदद नहीं मिली है. उनके इस कार्यक्रम का एक बयान ट्रेंड कर रहा है जिसमें वे कुंवारे लड़कों को लेकर बात करते नजर आ रहे हैं.

बताया जा रहा है कि ओवैसी ने युवाओं में जोश भरते हुए सवाल किया कि शादी करेंगे ना ? बैचलर यानी कुंवारा मत रहना, बैचलरों से बहुत परेशानी होती है. घर में पत्नी रहे तो आदमी का दिमाग भी शांत रहता है. दरअसल, ओवैसी मुस्लिम युवाओं से यह पूछ रहे थे कि क्या वे अपने बच्चों को अनपढ़ और गरीब ही रखना पसंद करेंगे. उन्होंने कहा कि जो युवा अभी 18-19 साल के हैं, जल्द ही उनकी शादी हो जाएगी. इसके बाद उनके बच्‍चे होंगे. आगे ओवैसी ने युवाओं से पूछा, ‘शादी करोगे न? क्या आप चाहते हैं कि आपके बच्चों को उनके अधिकार न मिलें?

मुस्लिमों को धर्मनिरपेक्षता से क्या मिला?

मुंबई में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि वह संविधान में प्रतिष्ठापित धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करते हैं. मुस्लिमों को धर्मनिरपेक्षता से क्या मिला? हमें रोजगार और शिक्षा में आरक्षण नहीं मिला। निर्णय लेने की प्रक्रिया में हमारी हिस्सेदारी नहीं है…अधिकार नहीं है. ओवैसी ने इसके साथ ही कहा कि धर्मनिरपेक्ष शब्द से मुस्लिमों का नुकसान हुआ है.

महाराष्ट्र में 83 प्रतिशत मुसलमान भूमिहीन

एआईएमआईएम अध्यक्ष ने कहा कि महाराष्ट्र में केवल 22 प्रतिशत मुस्लिम प्राथमिक स्कूलों में प्रवेश ले पाते हैं जबकि केवल 4.9 प्रतिशत स्नातक तक पढ़ाई करते हैं. महाराष्ट्र में 83 प्रतिशत मुसलमान भूमिहीन है. उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और शिवसेना का दिल केवल मराठाओं के लिए धड़कता है?” उन्होंने दावा किया कि राज्य में मराठाओं का जीवन स्तर मुसलमानों से कहीं अधिक बेहतर है। सत्तारूढ़ गठबंधन पर निशाना साधते हुए हैदराबाद के सांसद ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी ने सत्ता के लिए शिवसेना से हाथ मिलाया और मुस्लिम समुदाय को शिक्षा और रोजगार में पांच प्रतिशत आरक्षण देने के वादे को भूल गए.

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क्या शिवसेना धर्मनिरपेक्ष है?

ओवैसी ने कहा कि कांग्रेस और राकांपा आरोप लगाते हैं कि एआईएमआईएम धर्मनिरपेक्ष मतों में बंटवारा कराती है. क्या शिवसेना धर्मनिरपेक्ष है? जब (शिवसेना अध्यक्ष और मुख्यमंत्री) उद्धव ठाकरे कहते हैं कि वह शिवसैनिकों द्वारा बाबरी मस्जिद को तोड़े जाने पर गर्व महसूस करते हैं तब ये दोनों दल चुप रहते हैं.

भाषा इनपुट के साथ

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