नवजात बच्चे से जुड़े अर्द्धविकसित भ्रूण को सर्जरी कर चिकित्सकों ने दी नयी जिंदगी

इंदौर : डॉक्टरों ने नवजात बच्चे से जुड़े अर्द्धविकसित भ्रूण को यहां जटिल ऑपरेशन के जरिये अलग कर उसे नयी जिंदगी दी है. शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवाईएच) के अधीक्षक पीएस ठाकुर ने बताया कि आदिवासीबहुल झाबुआ जिले में नौ अक्टूबर को जन्मे बच्चे के शरीर से अर्द्धविकसित भ्रूण जुड़ा था, जिससे उसकी जान को खतरा था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 24, 2020 6:20 PM

इंदौर : डॉक्टरों ने नवजात बच्चे से जुड़े अर्द्धविकसित भ्रूण को यहां जटिल ऑपरेशन के जरिये अलग कर उसे नयी जिंदगी दी है. शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवाईएच) के अधीक्षक पीएस ठाकुर ने बताया कि आदिवासीबहुल झाबुआ जिले में नौ अक्टूबर को जन्मे बच्चे के शरीर से अर्द्धविकसित भ्रूण जुड़ा था, जिससे उसकी जान को खतरा था.

अधीक्षक ठाकुर के मुताबिक, यह भ्रूण एक जन्मजात विकृति के कारण पूरी तरह विकसित नहीं हो सका था. उन्होंने बताया कि सर्जरी में माहिर डॉक्टरों की टीम ने नवजात शिशु का एमवाईएच में हाल ही में ऑपरेशन किया और अर्द्धविकसित भ्रूण को उसके शरीर से अलग किया.

ठाकुर ने बताया, ”ऑपरेशन के बाद बच्चे की हालत ठीक है। उसने स्तनपान भी करना शुरू कर दिया है. उसे जल्द ही अस्पताल से छुट्टी मिल जायेगी.” उन्होंने बताया कि मरीज का जन्म उसकी मां की गर्भावस्था के नौ महीने पूरे होने पर सामान्य प्रसव से उसके घर में ही हुआ था.

हालांकि, उसके परिवार में जच्चा-बच्चा की सेहत को लेकर जागरूकता की कमी देखी गयी. एमवाईएच के अधीक्षक ने बताया कि किसान परिवार से ताल्लुक रखनेवाले बच्चे की माता ने गर्भावस्था के दौरान ना तो जरूरी दवाइयां ली थीं, ना ही सोनोग्राफी और अन्य जांचें करायी थीं.

अस्पताल के चिकित्सक के मुताबिक, नवजात को अगले कुछ दिनों के लिए अभी आईसीयू में ही रखा जायेगा. साथ ही कहा कि ऐसे मामले 10 से 20 लाख बच्चों में से किसी एक बच्चे में ही ऐसे मामले देखने को मिलते हैं.

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