लाह की खेती कर अपनी आजीविका को सुदृढ़ बना रही हैं महिलाएं

केरसई प्रखंड के बाघडेगा पंचायत के डोंगीझरिया गांव की 21 महिला किसानों ने सामूहिक रूप से लाह की खेती कर आजीविका सुदृढ़ करने की मिसाल पेश की है.

By VIKASH NATH | September 23, 2025 9:12 PM

फोटो फाइल: 23 एसआइएम:1-समूह की महिलाएं मो इलियास सिमडेगा. केरसई प्रखंड के बाघडेगा पंचायत के डोंगीझरिया गांव की 21 महिला किसानों ने सामूहिक रूप से लाह की खेती कर आजीविका सुदृढ़ करने की मिसाल पेश की है. यह पहल महिला सशक्तीकरण और सामूहिक एकता का प्रतीक बन गयी है. वर्ष 2021 में जेएसएलपीएस की जोहार परियोजना के तहत बाघडेगा भंडारा टोली में रोजी-रोटी उत्पादक समूह का गठन किया गया. डोंगीझरिया की महिलाएं सदस्यता शुल्क और अंश पूंजी लगाकर इस समूह से जुड़ीं. जोहार परियोजना के अंतर्गत वनोपज गतिविधि में महिलाओं को वैज्ञानिक विधियों से लाह की खेती का प्रशिक्षण दिया गया. उन्हें पांच किलो कुसुम, लाह बिहन, स्प्रे मशीन और कटर मशीन उपलब्ध करायी गयी, जिससे वे समय पर स्प्रे और कटिंग कर सकें. पहले परंपरागत विधि से खेती होती थी, जिससे उत्पादन कम होता था. अब महिलाएं वैज्ञानिक विधियों से खेती कर रही हैं, जिससे उत्पादन में वृद्धि हुई है. डोंगीझरिया गांव में बेर के पेड़ों का एक पैंच है, जो लगभग दो एकड़ क्षेत्र में फैला है. सभी महिला किसान सामूहिक रूप से इन पेड़ों पर बिहन लगाकर लाह की खेती कर रही हैं. इस क्षेत्र में लिफ्ट सिंचाई योजना भी लागू की गयी है, जिससे सब्जी और बागवानी की मिश्रित खेती संभव हो पायी है. इससे महिलाओं की आय दोगुनी हो रही है. इस वर्ष तीन क्विंटल 18 किलो लाह का उत्पादन हुआ, जिसे 650 रुपये प्रति किलो की दर से बेचकर 2,06,700 रुपये की आमदनी हुई. अच्छी आमदनी के कारण महिलाएं लगातार लाह की खेती में रुचि ले रही हैं और अपने परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत बना रही हैं. वे बच्चों को उच्च शिक्षा दिला रही हैं और उत्पादक समूह की अगुआई में कृषि और वनोपज में बेहतर उत्पादन कर रही हैं. यह पहल ग्रामीण विकास की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है.

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