सदाचार ही प्रथम धर्म : आचार्य डॉ पद्मराज स्वामी

गुलाब जैन को मिला प्रथम स्थान

By Prabhat Khabar News Desk | August 26, 2025 10:30 PM

सिमडेगा. जैन सभा भवन में पर्यूषण महापर्व के उपलक्ष्य में आयोजित सत्संग सभा में भक्तों को संबोधित करते हुए कथावाचक आचार्य डॉ पद्मराज स्वामी जी महाराज ने सदाचार की महिमा का वर्णन किया. कहा कि सदाचार ही पहला धर्म है. वह आचार जिसका प्रादुर्भाव सम्यक ज्ञान से हुआ हो. सम्यक ज्ञान से प्रकट आचार ही सदाचार है. आचार्य जी ने कहा कि पर्यूषण पर्व के साथ तपस्या का घनिष्ठ संबंध है. तपस्या का अर्थ है अपनी इच्छाओं का मालिक बन जाना. जब हम मन की इच्छाओं के मालिक बन जाते हैं, तब यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि कौन सी इच्छा अपनाने जैसी है और कौन सी इच्छा छोड़ने जैसी. भक्तों की तपस्या के सम्मान में मेंहदी व भक्ति गीतों का कार्यक्रम आयोजित हुआ. इसमें गुरुमा वसुंधरा जी, सारिका जैन, गुलाब जैन, पवन जैन, नीलम बंसल, प्रीति बंसल, ममता जैन आदि ने मधुर गीतों से तप की महिमा का गान किया. मौके पर अतिथियों को सम्मानित किया गया. महापर्व के उपलक्ष्य में सुबह सात बजे से नवकार मंत्र अखंडपाठ, शास्त्र वाचना, प्रतिक्रमण, प्रवचन आदि कार्य का आयोजन किया गया. मौके पर भूल-भुलैया प्रतियोगिता आयोजित हुई. इसमें गुलाब जैन प्रथम, विमल जैन द्वितीय तथा सुनीता जैन तृतीय स्थान पर रहें. सफल प्रतिभागियों को संवत्सरी के अवसर पर जैन सभा द्वारा पुरस्कृत किया जायेगा. धन्यवाद ज्ञापन सभाध्यक्ष प्रवीण जैन व विमल जैन ने किया.

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