सरहुल पर्व पर पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश
सरहुल पर्व पर पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश
सिमडेगा. मैनाबेड़ा गांव में प्रकृति सरहुल महोत्सव मनाया गया. गांव के पाहन सेलेस्टीन मिंज ने सरना स्थल पर पूजा की. साल वृक्ष की परिक्रमा करते हुए सरना झंडा की स्थापना की गयी. पाहन ने साल वृक्ष के नीचे प्रकृति पर्व सरहुल की पूजा-अर्चना कर गांव के लोगों को पर्यावरण के संरक्षण करने का संदेश दिया. पाहन ने कहा कि पेड़ बचेंगे, तभी हम बचेंगे. कार्यक्रम में ढ़ावठाटोली व बेहराटोली आदिवासी भाई-बहन व बुजुर्ग महिला व पुरुष शामिल हुए. पारंपरिक तरीके से सांस्कृतिक ढोल मांदर के साथ ताल से ताल मिला कर लोगों को नाचते देखा गया. पाहन सेलेस्टीन मिंज ने पूजा स्थल पर उपस्थित सभी आदिवासी भाई-बहनों व बुजुर्गों को हाथ जोड़ कर जोहार व स्वागत किया गया. सभी को प्राकृतिक पर्व सरहुल की हार्दिक बधाई व शुभकामना दी.
पेड़-पौधों को संरक्षण करें : विधायक
बोलबा. बोलबा दुर्गा मंदिर से थाना परिसर तक प्रकृति का पर्व सरहुल की शोभायात्रा निकाली गयी. इससे पहले सखुआ पेड़ के समक्ष पाहन पुजारियों ने विधिवत पूजा -अर्चना की. इसके बाद सभी लोग नाचते-गाते हुए शांति के साथ शोभायात्रा निकाली. कार्यक्रम में मुख्य रूप से विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी और विधायक प्रतिनिधि रावेल लकड़ा उपस्थित थे. उन्होंने सरहुल पर्व पर सभी से प्रकृति का संतुलन बनाये रखने के लिए पेड़-पौधों को संरक्षण देने की बात कही.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
