ग्लेशियर का पिघलना विश्व के लिए चिंता का विषय : सत्यजीत
जिला मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय सिमडेगा में लगा सेमिनार
सिमडेगा. विश्व जल दिवस पर जिला मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय सिमडेगा में सेमिनार का आयोजन विद्यालय के एनसीसी व लीगल लिटरेसी क्लब द्वारा किया गया. मौके पर विद्यार्थियों व शिक्षक-शिक्षिकाओं ने अपने विचार रखें. विद्यालय के एसोसिएट एनसीसी ऑफिसर सत्यजीत कुमार ने ग्लेशियर संरक्षण पर अपना विचार रखते हुए कहा कि ग्लेशियर का पिघलना विश्व के लिए चिंता का विषय है. उन्होंने वैश्विक तापन के विषय में बताते हुए कहा कि ग्रीन हाउस गैस के कारण पृथ्वी का औसत तापमान बढ़ रहा है. मुख्य ग्रीन हाउस गैस कार्बन डाइऑक्साइड, मिथेन और सीएफसी मानवीय क्रियाकलाप के कारण पूरे विश्व में बढ़ा है. आधुनिकता के नाम पर हम सभी भोगवादी प्रवृत्ति के हो गये हैं, जो समाज के विनाश का कारण बन रहा है. समय रहते हमें सचेत होना होगा. उन्होंने बच्चों से कहा कि आप आनेवाले कल के नेतृत्वकर्ता हैं. आपको समझना होगा कि समाज में उपयोगी क्या है और क्या नहीं है. उन्होंने कहा कि हम सभी को अधिक से अधिक पेड़ लगाना चाहिए और घरों में भी पानी बिजली जितना आवश्यक है, उतना ही खर्च करना चाहिए. मौके पर प्रधानाध्यापक अब्राहम केरकेट्टा ने कहा कि हमें पानी का सदुपयोग करना है. अनावश्यक रूप से नल खुला नहीं रखना है. एलिस जोसेफिन कुल्लू पानी बचाने पर बल दिया. बसंती प्रधान ने कहा कि पृथ्वी जल के कारण नीला ग्रह कहा जाता है. किंतु एक प्रतिशत जल पीने योग्य है. छात्रा हादिया काजमी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि आनेवाले समय में पानी की इतनी किल्लत हो जायेगी की राशन की तरह पानी लेने के लिए भी लाइन में खड़े रहना पड़ेगा. छात्रा स्मृति कुमारी ने कहा कि विश्व जल दिवस पहली बार 1993 में मनाया गया. क्योंकि उसी समय से वैज्ञानिकों को लगा कि जल संरक्षण आवश्यक है. कार्यक्रम में मंच संचालन शिक्षक संजीव कुमार व धन्यवाद ज्ञापन शिक्षिका प्रियंका बाड़ा ने किया. मौके पर सरिता कीड़ो, अमलेंदु पाठी, देवी दयाल, चंद्रकांत सिंह, विक्रांत खाखा, अमन राज, अजय मेहता, अलका कुल्लू आदि शिक्षक-शिक्षिकाएं समेत कई छात्र-छात्राएं व एनसीसी कैडेट्स उपस्थित थे.
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