हाफिज-ए-कुरआन की है बड़ी अहमियत

कयाम दारूल कजा एवं जलसा-ए-दस्तारबंदी का आयोजन, मौलाना वली रहमान ने कहा सिमडेगा : शहरी क्षेत्र के ईदगाह मुहल्ला स्थित ईदगाह परिसर में मदरसा इसलामिया तजविदुल कुरआन के तत्वावधान में कयाम दारूल कजा सह जलसा-ए-दस्तारबंदी का आयोजन किया गया. इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में ऑल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ के सेक्रेटरी सह […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 17, 2018 12:45 AM
कयाम दारूल कजा एवं जलसा-ए-दस्तारबंदी का आयोजन, मौलाना वली रहमान ने कहा
सिमडेगा : शहरी क्षेत्र के ईदगाह मुहल्ला स्थित ईदगाह परिसर में मदरसा इसलामिया तजविदुल कुरआन के तत्वावधान में कयाम दारूल कजा सह जलसा-ए-दस्तारबंदी का आयोजन किया गया.
इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में ऑल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ के सेक्रेटरी सह इमारत-ए-शरीया फुलवारी शरीफ पटना के अमीर-ए- शरीयत मौलाना वली रहमान मौजूद थे. विशिष्ट अतिथि के रूप में मदरसा दारूल उलूम चतरा के मोहतमिम मुफ्ती नजर-ए- तौहीद, इमारत-ए-शरीया के काजी मो अंजार, इमरात-ए-शरीया के मुफ्ती सनाउल्लाह साहब उपस्थित थे. कार्यक्रम की शुरुआत तेलवत-ए-कलाम पाक से की गयी. कारी मो तौफीक आलम ने तेलावत-ए-कलाम पाक पेश किया. मो नेसार दानिश ने नाते कलाम पेश किया.
इस मौके पर अमीर-ए-शरीयत मौलाना वली रहमान ने कहा कि हाफिज-ए- कुरआन की बड़ी अहमियत है. कुरआन से रिश्ता मजबूत करें. कुरआन से रिश्ता मजबूत होगा, हमारा ईमान भी मजबूत होगा. उन्होंने कहा कि इस कलाम को कोई तब्दील नहीं कर सकता है. पूरी तरह इसलाम में दाखिल हो जाओ एवं आपसी मतभेद को दूर करो.
इसी में समाज की भलाई है. मुफ्ती नजर-ए- तौहीद ने कहा कि इंसानों की जिंदगी गुजारने की किताब है कुरआन. कुरआन खुद भी सीखो और दूसरों को भी सिखाओ. उन्होंने कहा कि बेपरदगी को दूर करो तथा नशाखोरी से दूर रहो. ईमान को बचाये रखें, तभी दुनिया में भी आखिरत में भी कामयाबी मिलेगी. कार्यक्रम का संचालन मौलाना मो शकीब ने किया.

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