Seraikela Kharsawan News : सीतारामपुर जलाशय में केज पद्धति से होगा मछली पालन

धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान

By ATUL PATHAK | June 12, 2025 11:10 PM

खरसावां. सरायकेला-खरसावां जिले में पहली बार धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान से सीतारामपुर जलाशय में केज पद्धति से मछली पालन की शुरुआत हो रही है. यह योजना जनजातीय समुदाय की आजीविका, पोषण और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक नवाचारी पहल है. लगभग 70 हेक्टेयर क्षेत्र वाले सीतारामपुर डैम में 32 केज यूनिट की स्थापना कर मत्स्य पालन कार्य प्रारंभ किया जाएगा. जलाशय में चार केज को एक यूनिट बना कर मत्स्य पालन किया जाएगा. प्रत्येक केज का आकार 7x5x5 मीटर होगा. इन संरचनाओं में मत्स्य बीज डालकर उन्हें वैज्ञानिक तकनीक से पालन कर मछलियों की बिक्री से लाभ अर्जित किया जाएगा.

लाभुकों को 90 प्रतिशत अनुदान पर मत्स्य पालन के लिए सहायता दी जाएगी:

इस योजना के तहत, 90 प्रतिशत अनुदान पर लाभुकों को मत्स्य पालन के लिए सहायता दी जाएगी. मछली की बिक्री के लिए दोपहिया वाहन, तीनपहिया वाहन, आइस बॉक्स आदि भी उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके अतिरिक्त, जलाशय में शिकारमाही हेतु फाइबर बोट, फिशिंग नेट, नाव व कार्यालय शेड भी स्थापित किए जा रहे हैं. इस परियोजना के माध्यम से जनजातीय समुदाय के सदस्यों को स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. इस पहल से मत्स्य उत्पादन के साथ-साथ पर्यटन की संभावनाएं भी विकसित होंगी. धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत की जा रही यह पहल, जिले में सतत आजीविका, पोषण सुरक्षा और ग्रामीण पर्यटन को नयी दिशा देने का कार्य करेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है