न्याय और अधिकार के लिए मुसलमानों को करना होगा संघर्ष : एस अली

उधवा प्रखंड के पियारपुर बाजार के निकट मुत्तहेदा मुस्लिम महाज की ओर से महाबैठक का किया गया आयोजन

By ABDHESH SINGH | November 30, 2025 7:48 PM

उधवा

मुसलमानों के न्याय अधिकारों से जुड़े विभिन्न मामलों को लेकर उधवा प्रखंड के पियारपुर बाजार के निकट मुत्तहेदा मुस्लिम महाज द्वारा एक महाबैठक हुई. इस महाबैठक में मुख्य अतिथि के रूप में आमया और झारखंड छात्र संघ के अध्यक्ष एस अली उपस्थित हुए. महाबैठक में स्थानीय सहित दूर-दराज से सैकड़ों लोग मौजूद थे. महाबैठक मौलाना फारूक हुसैन शम्सी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ. इस दौरान, आमया एवं झारखंड छात्र संघ के अध्यक्ष एस अली ने कहा कि 12वीं से 18वीं शताब्दी तक संथाल परगन क्षेत्र में मुस्लिम शासन रहा, जिन्होंने भारत की उन्नति में दिशा दी. साथ ही, स्वतंत्रता आंदोलन और अलग झारखंड राज्य आंदोलन में भी उन्होंने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया. परंतु बंगला भाषी होने के कारण इन्हें बंग्लादेशी घुसपैठिए कहकर प्रताड़ित किया जा रहा है, जबकि इस मामले पर हाईकोर्ट में केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल नहीं किया है. उन्होंने कहा कि संयुक्त बिहार में प्राप्त अधिकारों को झारखंड में छीना जा रहा है. जैक बोर्ड द्वारा वर्ष 2003 से 2023 तक दी गई आलिम-फाजिल डिग्री की मान्यता शिक्षा विभाग द्वारा समाप्त करने की प्रक्रिया में है. सहायक आचार्य बहाली में शामिल आलिम डिग्रीधारकों का परिणाम लंबित कर दिया गया है. 543 उर्दू स्कूलों का स्टेटस छीनकर उन्हें सामान्य विद्यालय बना दिया गया है. बिहार से प्राप्त 4401 उर्दू सहायक शिक्षक पदों में से 3712 रिक्त पदों को सरेंडर कर दिया गया और सहायक आचार्य नाम कर ग्रेड पे आधा कर दिया गया है. राज्य में हुए 68 मॉब लिंचिंग रोकने के लिए सदन से पारित भीड़ नियंत्रण रोकथाम बिल संशोधित कर लागू नहीं किया गया है. मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना में अल्पसंख्यकों के लिए बजट नहीं रहता. उत्तर प्रदेश के तर्ज पर भैंस वंसीय पशुओं के स्लॉटर की अनुमति नहीं मिल रही है. आगे कहा गया कि वक्फ बाई यूजर के तहत सरकार की भूमि पर स्थापित धार्मिक स्थलों को भूमि पट्टा जारी नहीं किया जा रहा है. सरकारी एवं निजी क्षेत्र की नौकरियों में मुस्लिम युवकों की भागीदारी नहीं मिल रही है. वहीं, इन सभी सवालों को लेकर आगामी 5 दिसंबर से पूरे राज्य में हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा. मंच का संचालन हाफिज सईद अख्तर ने किया. महाबैठक में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौलाना फजलूल कदीर अहमद, प्रो. नजरूल इस्लाम, अनवर अली, डॉ. नजरूल इस्लाम, अहमद रजा, मुफ्ती मोताहिर हुसैन, मौलाना अब्दुल खालीक, मुफ्ती रईसउद्दीन, हाजी कमालउद्दीन, मौलाना शहबाज, शहबुद शेख, अब्लु कलाम, महबूब आलम, शहजूल आलम, महफूज आलम सहित स्थानीय व दूर-दराज से सैकड़ों उलेमा व लोग शामिल हुए.

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