रनिंग अलाउंस बढ़ाने को लेकर लोको पायलटों ने की भूख हड़ताल
साहिबगंज लॉबी में भी मंगलवार को रनिंग स्टाफ ने लंबित मांगों को लेकर भूख हड़ताल कर विरोध जताया.
साहिबगंज. सीडब्ल्यूसी, एआईएलआरएसए के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर पूरे देश की सभी लॉबी में लोको पायलट और सहायक लोको पायलट 48 घंटे के उपवास पर रहकर ट्रेन संचालन कर रहे हैं. इसी क्रम में साहिबगंज लॉबी में भी मंगलवार को रनिंग स्टाफ ने लंबित मांगों को लेकर भूख हड़ताल कर विरोध जताया. कर्मचारियों ने कहा कि रनिंग स्टाफ रेलवे की रीढ़ हैं, लेकिन उनकी समस्याओं की अनदेखी हो रही है. रनिंग अलाउंस में 25% बढ़ोतरी 01 जनवरी 2024 से लागू होनी चाहिए थी. लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है, जिसके कारण स्टाफ आर्थिक रूप से प्रभावित हो रहा है. रनिंग माइलेज पर आयकर में मिलने वाली 70% छूट बंद होने से कर्मचारियों पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव बढ़ गया है. इसके अलावा PR रेस्ट का 30-16 यानी कुल 46 घंटे का नियम भी जमीनी स्तर पर लागू नहीं किया जा रहा है, जिससे कार्य–विश्राम संतुलन बिगड़ रहा है. कर्मचारियों ने कहा कि किसी भी गाड़ी का सुरक्षित संचालन लोको पायलट और सहायक लोको पायलट के कंधों पर होता है. वे हर मौसम, हर परिस्थिति में सबसे आगे खड़े होकर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं. इसके बावजूद एसपीएडी के मामूली आरोप में भी बर्खास्तगी जैसी कठोर कार्रवाई की जाती है, जो न्यायसंगत नहीं है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मान्यता प्राप्त यूनियनें रनिंग स्टाफ की समस्याओं को गंभीरता से नहीं उठा रही हैं. रनिंग स्टाफ ने चेतावनी दी कि यदि भारत सरकार और रेलवे बोर्ड ने उनकी मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लिया, तो आंदोलन और उग्र किया जायेगा. आगे चक्का जाम जैसे बड़े कदम उठाए जायेंगे. कार्यक्रम की अध्यक्षता सहायक सचिव गोपाल कुमार ने की. मौके पर दिवाकर कुमार, संतोष कुमार, विनय कुमार, कुंदन कुमार, ब्रजेश कुमार, जेएस विद्यार्थी, कुमुद रंजन, सुभाष, राजीव, कृष्णा, मौसम सहित कई रनिंग स्टाफ मौजूद थे.
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