साहिबगंज के बरहरवा में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरायी, कर्मियों की लापरवाही से कई जरूरी दवाएं हो गयी एक्सपायर

स्वास्थ्य कर्मियों ने उन दवाओं को अस्पताल परिसर अंतर्गत एक निर्माणाधीन भवन के कमरे में रखा हुआ है. इन दवाओं की एक्सपायरी साल 2019 में ही हो गयी है.

By Sameer Oraon | April 7, 2024 2:47 PM

अभिजीत कुमार, साहिबगंज : साहिबगंज जिले के बरहरवा क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गयी है. इस इलाके में मौजूद सरकारी अस्पतालों में जरूरी दवाओं की भारी कमी है. तो वहीं, दूसरी तरफ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरहरवा में कार्यरत डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी भी ड्यूटी निभाने में भारी लापरवाही बरत रहे हैं. लापरवाही का नतीजा ये हुआ कि अस्पताल में उपलब्ध सैकड़ों पीस आयरन एंड फॉलिक एसिड सीरप, आयरन एंड फोलिक एसिड का टेबलेट, फेरस सल्फेड एंड फोलिक एसिड टेबलेट आईपी, फेरस सल्फेड एंड फोलिक एसिड सिरप के अलावे हरतिका चूर्ण, ग्लूकोज, निरोध सहित अन्य दवाएं एक्सपायर हो गई है.

निर्माणाधीन भवन में रखा हुई है एक्सपायरी पड़ा दवाईयां

स्वास्थ्य कर्मियों ने उन दवाओं को अस्पताल परिसर अंतर्गत एक निर्माणाधीन भवन के कमरे में रखा हुआ है. इन दवाओं की एक्सपायरी साल 2019 में ही हो गयी है. एक तरफ सरकार अस्पताल आने वाले मरीजों के स्वास्थ्य के लिए सारी व्यवस्थाएं करती है. दवाओं की खरीद बिक्री में लाखों करोड़ों रुपये का खर्च भी करती है. लेकिन यहां के स्वास्थ्य कर्मी इन सारी बातों का नजरअंदाज कर देते हैं. शायद यही कारण है कि इस स्वास्थ्य केंद्र में सरकारी राशि का दुरुपयोग साफ तौर पर देखने मिला है.

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अस्पताल प्रबंधन पर उठ रहे सवाल

सवाल तो अस्पताल प्रबंधन पर ये भी उठ रहा है कि जब इतनी सारी दवाओं की जरूरत नहीं ही थी तो अवश्यकता से अधिक दवाएं क्यों मंगायी गयी. अगर यहां वितरण नहीं हो रहा था तो अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में उसे क्यों नहीं भेज दिया गया. आपको बता दें कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दवाओं की कमी की शिकायत हमेशा मिलती रही है. लेकिन जो जरूरी दवाएं उपलब्ध रहती भी है तो वह बेकार हो जाता है.

लगभग सभी दवाएं हो चुकी है वर्ष 2019 में एक्सपायर……

बरहरवा सीएचसी के निर्माणाधीन बंद कमरे में रखी ये दवाएं वर्ष 2019 के आसपास एक्सपायर हो गई है. इनमें आयरन एण्ड फोलिक एसिड टेबलेट आईपी 100 एमजी + 0. 5 एमजी का बैच नम्बर जेएचटीयू 269, एमएफजी 09/ 2017 तथा एक्सपायरी 0 8 /2019 है. वहीं, फेरस सल्फेड एण्ड फोलिक एसिड टेबलेट आईपी का बैच नंबर ईएलपी 151, एमएफजी 2/2017 तथा एक्सपायरी 1/2019 है. फेरस सल्फेड एण्ड फोलिक एसिड सिरप का बैच नंबर ओबीएलएल /99, एमएफजी 06/ 2015 तथा एक्सपायरी 11/ 2016 है. आयरन एंड फोलिक एसिड सिरप का बैच नंबर आईएफएसजी 1-17-236 , एमएफजी 12/2017 तथा एक्सपायरी 05/2019 प्रमुख है. इसके अलावे हरतिका चूर्ण, ग्लूकोज, निरोध सहित अन्य दवाई भी एक्सपायर हो गया है.

इससे पूर्व भी मिलीं थीं एक्सपायरी दवाएं…..

केस स्टडी 01:-

बरहरवा सीएचसी में इससे पहले भी एक्सपायर दवाएं मिल चुकी है. वर्ष 2020 के नवंबर माह में बरहरवा सीएचसी के निर्माणाधीन क्वार्टर बिल्डिंग के एक कमरे में सैकड़ो की संख्या में एक्सपायर हो चुके आयरन एंड फोलिक एसिड के सिरप बरामद हुए थे. मामला प्रकाश में आने के बाद 3 सदस्यीय टीम ने जांच भी की लेकिन कुछ दिनों में यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया.

केस स्टडी 02 :-

बीते वर्ष 2023 के मई माह में बरहरवा फरक्का मुख्य पथ में एक कबाड़ी की दुकान के पास से भारी मात्रा में आयरन एंड फोलिक एसिड की सैकड़ों पीस एक्सपायर टैबलेट कचड़े में मिली थी. खबर प्रकाशित होने के बाद किसी ने उस जगह से सभी एक्सपायर्ड दवाओं को वहां से हटा दिया और जगह की साफ सफाई कर दी. इस मामले में भी लीपापोती कर दिए जाने की संभावना है.

क्या कहते हैं जिले के सिविल सर्जन

जब इस मामले में जिले के सिविल सर्जन डॉ अरविंद कुमार से सवाल पूछा गया कि तो उन्होंने कहा कि दवा कैसे एक्सपायर हुई है इस मामले की जांच जाएगी. जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.

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