जिओ टैग के एवज में अबुआ आवास योजना के लाभुक से वसूली

लाभुक से आवास प्रभारी की डिमांड, प्रत्येक क़िस्त के लिए देनी होगी 5 हज़ार रुपये की राशि

By ABDHESH SINGH | August 29, 2025 8:43 PM

बोरियो

सूबे की सरकार ने आवासहीन परिवारों को पक्का मकान देने के उद्देश्य से अबुआ आवास योजना की शुरुआत की. अबुआ आवास योजना लाभार्थियों को सुरक्षा तथा स्वामित्व के गौरव के साथ सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करता है. लेकिन योजना में भ्रष्टाचार चरम पर है. मानो योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी हो. बोरियो प्रखंड में इन दिनों अबुआ आवास योजना खूब चर्चा में है. आये दिन लाभार्थी रिश्वतखोरों की शिकायत लेकर प्रखंड कार्यालय पहुंचते हैं. प्रखंड अंतर्गत बोरियो संथाली पंचायत के जिरुल गांव से एक ताजा मामला प्रकाश में आया है. अबुआ आवास योजना की लाभुक ने आवास प्रभारी पर जिओ टैग के नाम पर नजराना वसूलने का गंभीर आरोप लगाया है. ऐसा पहली दफा नहीं हुआ है, जब लाभार्थी ने आवास प्रभारी पर नजराना वसूलने का आरोप लगाया हो. लेकिन पदाधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में जिरुल गांव की एक विधवा महिला मकु मुर्मू, पति- स्व० मधु मरांडी के नाम पर अबुआ आवास योजना स्वीकृत हुई. लाभुक मकु मुर्मू ने बताया कि बैंक खाते में आवास योजना की पहली किस्त 30 हज़ार रुपये का भुगतान कर दिया गया. राशि मिलने के तुरंत बाद आवास निर्माण का कार्य शुरू कर दिया. जल्द ही प्लिंथ ढलाई तक का कार्य पूर्ण कर लिया. उसके बाद दूसरी क़िस्त 50 हज़ार रुपये दी गयी. लाभुक ने अब दूसरी क़िस्त के पैसे से लिंटेल का भी कार्य पूर्ण करा लिया. लाभुक ने बताया कि तीसरी क़िस्त के भुगतान के लिए रोजगार सेवक सह आवास प्रभारी महादेव रक्षित लाभुक के घर पहुंचे और जिओ टैग करने के एवज में 20 हज़ार रुपये की मांग करने लगे. राशि नहीं देने पर तीसरी क़िस्त का भुगतान नहीं करने की धमकी भी दी. लाभुक ने कुछ दिनों में देने की बात कही, तब आवास प्रभारी ने जिओ टैग किया. उसके बाद महादेव रक्षित लाभुक के घर जाकर 5 हज़ार रुपए नगद लेकर चले गए. लाभुक ने यह भी बताया कि महादेव रक्षित ने आवास पूर्ण होने से पहले बाकी के 15 हज़ार रुपये दे देने को कहा है. लाभुक अब तीसरी क़िस्त के इंतजार में है. ज्ञात हो कि महादेव रक्षित पर लगातार पैसे मांगने के आरोप लग रहे हैं. बीते दिन जिरुल गांव की ही दो लाभुक सुशीला मुर्मू 8 हज़ार रुपये मांगने का आरोप लगा चुकी है. सुशीला ने 8 हज़ार में 3 हज़ार रुपये दे देने की बात बतायी है. जिरुल गांव की दूसरी लाभुक बसंती देवी ने भी चौथी क़िस्त का भुगतान करने के एवज में 5 हज़ार रुपये मांगने का आरोप लगायी है. इससे पूर्व भी बोरियो यादव टोला निवासी रोबिन यादव की पत्नी सीमा देवी ने आवास प्रभारी महादेव रक्षित पर जिओ टैग करने के लिए पैसे मांगने का आरोप लगा चुकी है. बरहेट में भी आवास के लाभुकों से अवैध राशि वसूली की जा रही थी. अखबारों में मामला प्रकाशित होने के बाद कार्रवाई करते हुए बोरियो प्रखंड स्थानान्तरण कर दिया गया. हालांकि इस मामले में महादेव रक्षित से पक्ष लेने पर उन्होंने पैसे मांगने की बात से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि बेबुनियाद आरोप है. वहीं बोरियो संथाली पंचायत की मुखिया एरिका स्वर्ण मरांडी ने कहा कि लाभुकों से पैसे की वसूली करना गलत है. मामले की जांच हो. दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई हो.

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