लालू प्रसाद यादव का इंतजार खत्म, झारखंड हाईकोर्ट से बेल या अभी भी जेल, फैसला कुछ घंटों बाद

Jharkhand news, Ranchi news : चारा घोटाले के 3 मामलों में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की चौथे मामले की जमानत याचिका पर शुक्रवार (11 दिसंबर, 2020) को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. इस सुनवाई पर सबकी नजर टिकी हुई है. दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई होगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2020 6:57 AM

Jharkhand news, Ranchi news : रांची : चारा घोटाले के 3 मामलों में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की चौथे मामले की जमानत याचिका पर शुक्रवार (11 दिसंबर, 2020) को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. इस सुनवाई पर सबकी नजर टिकी हुई है. दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई होगी.

बता दें कि चारा घोटाले के 5 मामलों में से 4 मामलों में CBI की विशेष अदालत ने सजा सुनायी थी. इसमें से 3 मामलों में लालू यादव को पहले की जमानत मिल चुकी है. वहीं, चौथा मामला दुमका कोषागार का है, जिसकी सुनवाई 11 दिसंबर को होनी है और पांचवां मामला रांची के डोरंडा कोषागार का है. पांचवें मामले की सुनवाई अभी CBI कोर्ट में चल रही है.

इधर, शुक्रवार (11 दिसंबर, 2020) को झारखंड हाईकोर्ट में दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में सुनवाई होनी है. इस मामले में अगर हाईकोर्ट से जमानत मिल जाती है, तो राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के जेल से बाहर निकलने की संभावना बढ़ सकती है. हालांकि, डोरंडा कोषागार से जुड़े मामले की सुनवाई रांची स्थित CBI की विशेष अदालत में अब भी चल रही है.

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बता दें कि दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू यादव की ओर से दायर जमानता याचिका पर पिछले 2 तारीखों में सुनवाई पूरी नहीं हो सकी थी. पहले तारीख में CBI के वकील की तरफ से समय की मांग की थी, वहीं दूसरी तिथि में लालू यादव की सजा की अवधि को लेकर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था. लालू यादव अब तक 1400 दिन यानी 3 साल 9 महीने से अधिक की सजा काट चुके हैं.

चारा घोटाले में सजा काट रहे लालू यादव फिलहाल स्वास्थ्य कारणों से रांची के रिम्स में इलाजरत हैं. पिछले दिनों रिम्स के पेइंग वार्ड से निदेशक बंगला और फिर वहां से पेइंग वार्ड में शिफ्ट करने के मामले को झारखंड हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया था. इस संदर्भ में राज्य सरकार से स्पष्टीकरण भी मांगा गया था.

Posted By : Samir Ranjan.

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