उत्तर प्रदेश के सांसद वरुण गांधी ने झारखंड की बेटी सुप्रीति कच्छप के सपनों को दी उड़ान

झारखंड के एक छोटे से गांव से आने वाली सुप्रीति कच्छप 14 नेशनल टूर्मानेंट जीत चुकीं हैं. उनके सपनों को उड़ान दी है उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 10, 2022 9:30 PM

झारखंड के एक छोटे से गांव से आने वाली सुप्रीति कच्छप 14 नेशनल टूर्मानेंट जीत चुकीं हैं. उनके सपनों को उड़ान दी है उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने. उन्होंने सुप्रीति की आर्थिक मदद की है. वरुण गांधी ने ट्वीट किया है, ‘बड़े भाई के नाते मेरी छोटी-सी कोशिश. झारखंड के गांव की मेरी एक छोटी बहन जब नेशनल रिकॉर्ड तोड़ती है, तो उस रिकॉर्ड के साथ वो समाज की अनेक बाधाओं को भी तोड़ती हैं. आप पूरे देश के लिए मिसाल हैं. उम्मीद है कि आपको देखकर और भी बहनें आगे आयेंगी और देश का नाम रौशन करेंगी.’

सुप्रीति कच्छप ने वरुण गांधी का आभार जताया

वरुण गांधी ने सुप्रीति कच्छप से कहा है कि आपका सपना पूरे देश का सपना है. आपकी उड़ान को पंख जरूर लगेंगे, ये मेरा वादा है. उन्होंने आगे लिखा कि छोटी बहन के सपनों को पूरा करना सभी भाइयों का दायित्व है. हमें यकीन है कि आप देश के लिए मेडल भी जीतेंगी. वरुण गांधी के इस ट्वीट पर सुप्रीति ने उनके प्रति आभार जताया है. सुप्रीति ने कहा है कि वह वरुण गांधी के सपनों को जरूर पूरा करेंगी. मेडल जरूर जीतेंगी.

3,000 मीटर की दौड़ रिकॉर्ड 9.46.14 मिनट में पूरी की

झारखंड के गुमला जिला के बुरहू गांव की रहने वाली सुप्रीति ने 13 मेडल जीते हैं. उसके 4 लाख रुपये बनते हैं, लेकिन अभी तक एक पैसा भी नहीं मिला है. सुप्रीति ने बताया कि पहली बार वह बिना जूते के ही ट्रैक पर दौड़ी थी. तब उनके पैरों में छाले पड़ गये थे. पैरों से खून निकलने लगे थे. अभी वह अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप की तैयारी में जुटी हैं. सुप्रीति ने खेलो इंडिया 2022 में 3,000 मीटर की दौड़ रिकॉर्ड 9.46.14 मिनट में पूरी की.

ओलिंपिक में भारत के लिए मेडल जीतना है सपना

सुप्रीति की इच्छा है कि वर्ष 2026 में होने वाले ओलिंपिक खेलों में भारत के लिए मेडल जीते. राष्ट्रीय स्तर पर 13 मेडल जीत चुकी सुप्रीति ने बताया कि उसके भाई ने अपनी बहन के लिए बड़ा बलिदान दिया. स्पोर्ट्स में काफी रुचि होते हुए भी, उसने बहन को आगे बढ़ाने का निश्चय किया. पूरे परिवार ने परिवार की सबसे छोटी बेटी के सपनों को उड़ान देने के लिए अपने स्तर से पूरी कोशिश की.

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