कोरोना से जंग : थैलेसीमिया पीड़ितों की जान आफत में, बाइक से 100 किमी की दूरी तय कर पहुंच रहे हैं रिम्स

लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा परेशानी थैलेसीमिया व सिकल सेल एनिमिया से पीड़ित बच्चों को हो रही है. दवा व ब्लड ट्रांसफ्यूजन नहीं होने से उनकी परेशानी बढ़ गयी है.

By Shaurya Punj | March 29, 2020 2:36 AM

रांची : लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा परेशानी थैलेसीमिया व सिकल सेल एनिमिया से पीड़ित बच्चों को हो रही है. दवा व ब्लड ट्रांसफ्यूजन नहीं होने से उनकी परेशानी बढ़ गयी है. विशेषज्ञों की मानें, तो हर 15 से 20 दिन के अंतराल पर थैलेसीमिया व सिकल सेल एनिमिया के बच्चाें को दवा व ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत पड़ती है. लॉकडाउन के कारण वाहनों का परिचालन बंद है. इस कारण कई पीड़ित बच्चे विभिन्न जिलों से रिम्स व सदर अस्पताल के डे-केयर सेंटर नहीं पहुंच पा रहे हैं. वहीं, कुछ लोग अपनी बाइक व स्कूटर से 100 किमी की दूरी तय कर बच्चे को दिखाने और दवा व ब्लड ट्रांसफ्यूजन कराने रिम्स पहुंच रहे हैं.

जानकारी के अनुसार, बीपीएल व आर्थिक रूप से कमजोर लोग बच्चों को घर पर रखने को विवश हैं. जिला प्रशासन से गुहार लगाने के बाद भी उनको वाहन नहीं मिल पा रहा है. रिम्स निदेशक डॉ दिनेश कुमार ने बताया कि कार्यालय में फोन कर परिजन वाहन उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं. उनसे स्थानीय प्रशासन से संपर्क करने को कहा जा रहा है. शनिवार को करीब तीन परिजनों ने फोन कर रिम्स से वाहन उपलब्ध कराने की मांग की. वहीं, हीमोफीलिया के मरीजों को फैक्टर चढ़ाने में भी दिक्कत हाे रही है. मरीज हीमोफीलिया डे-केेयर यूनिट नहीं पहुंच पा रहे हैं.

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