ranchi news : आइआइएम रांची में ‘सोशल इम्पैक्ट कॉन्फ्रेंस-2025’ का आयोजन, डॉ स्टेफनी ने कहा : चुनौतियों के बीच से अवसर की तलाश करना बिजनेस लीडर की जिम्मेवारी
आइआइएम रांची में पहली बार आयोजित ‘सोशल इंपैक्ट कॉन्फ्रेंस-2025’ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) और जलवायु परिवर्तन पर मंथन हुआ.
रांची. आइआइएम रांची में पहली बार आयोजित ‘सोशल इंपैक्ट कॉन्फ्रेंस-2025’ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) और जलवायु परिवर्तन पर मंथन हुआ. साथ ही मूल्य आधारित जीवन और आस-पास के परिवेश में सकारात्मक माहौल तैयार करने पर विस्तार से चर्चा हुई. देश की जानी-मानी हस्तियों ने मूल्य आधारित सामाजिक समरसता को साझा किया. चीफ एक्रेडिटेशन ऑफिसर एएसीएसबी डॉ स्टेफनी ब्रायंट ने ऑनलाइन कहा कि तकनीक आज की जरूरत है. एआइ का प्रसार तेजी से हो रहा है. इससे काम आसान हो रहे, जिसका असर कार्यक्षेत्र में दिखने लगा है. बिजनेस लीडर की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि वह चुनौतियों के बीच से अवसर की तलाश करें. इसमें नैतिक मूल्यों से मिली सीख ही काम आयेगी.
नैतिक मूल्यों की जरूरत हर कार्यक्षेत्र में है
कार्यक्रम समन्वयक प्रो गौरव मराठे ने कहा कि नैतिक मूल्यों की जरूरत हर कार्यक्षेत्र में है. शिक्षा या परिवार के बाहर कार्यस्थल और प्रोफेशनल लाइफ में भी नैतिक मूल्यों के सहारे अच्छा प्रदर्शन किया जा सकता है. सोशल इम्पैक्ट कॉन्फ्रेंस में देशभर से 300 से अधिक प्रतिभागियों ने रजिस्ट्रेशन किया है. इस दौरान सात वक्ताओं ने सतत विकास के लिए प्रयास व आपसी सहयोग, नवाचार, अनुसंधान, एकता, अहिंसा खासकर कटुवाणी से बचने, परवरिश और सहानुभूति जैसे विचारों पर अपनी बातें रखी.मूल्य आधारित शिक्षा-दीक्षा हासिल करें
आइआइएम रांची के निदेशक प्रो दीपक श्रीवास्तव ने कहा कि संस्थान विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर केंद्रित है. यहां ‘स्टूडेंट इंगेजमेंट एंड डेवलपमेंट कमेटी’ है, जो मूल्य आधारित शिक्षा को बढ़ावा देती है. शिक्षा-दीक्षा में मूल्यों का समावेश हो तो व्यक्ति किसी भी कार्यक्षेत्र में सफल हो सकता है. प्रो दीपक ने कहा कि जीवन में नैतिक मूल्यों का समावेश अच्छी ‘परवरिश’ से ही संभव है. उत्सव प्रधान ने अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता परिषद (आइपीबीइएस) की रिपोर्ट पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि आज करीब 10 लाख जीव प्रजातियां विलुप्त होने की स्थिति में पहुंच चुकी हैं. ऐसे में सतत विकास के लिए प्रकृति के साथ मिलकर काम करना होगा.नवाचार के साथ जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी
एनआइएफ गवर्निंग काउंसिल सदस्य लक्ष्मी मेनन ने कहा कि विद्यार्थी अगर नवाचार को अपने नैतिक मूल्यों में शामिल कर लें, तो हर समस्या का वैकल्पिक मार्ग तैयार कर सकेंगे. उन्होंने चिरकुट्टी खिलौने, पेन में पौधे, डिजाइनर झाड़ू के बिजनेस मॉडल का उदाहरण देते हुए विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनने की बात कही.जीवन को आसान बनाने के लिए विज्ञान से दोस्ती करें
पीएचडी यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड की कौस्तुभ देशपांडे ने जीवन को आसान बनाने के लिए विज्ञान से दोस्ती करने की बात कही. विद्यार्थियों को आत्मविश्वास के साथ प्रयास करते रहने की सीख दी. कहा कि आत्म ज्ञान से ही बौद्धिक और नैतिक दर्शन हासिल किया जा सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
