Ranchi News : अनिल टाइगर की हत्या के विरोध में लोगों ने सड़क जाम की, दुकानें भी बंद करायी

अनिल टाइगर की हत्या के विरोध में बंद रही रांची, जगह-जगह किया गया प्रदर्शन. कई रूट पर लंबी दूरी की बसें नहीं चलीं.

By RAJIV KUMAR | March 28, 2025 12:32 AM

रांची. भाजपा नेता व जिला परिषद के पूर्व सदस्य अनिल महतो उर्फ अनिल टाइगर की बुधवार को कांके चौक पर पर गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. इसके विरोध में भाजपा, आजसू, जेकेएलएम सहित अन्य संगठनों ने गुरुवार को रांची में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया. टायर जलाकर व बांस-बल्ली लगाकर सड़कों को जाम किया. सरकार विरोधी नारे भी लगाये. इस दौरान दुकानें भी बंद रहीं. बंद के दौरान 125 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया. बाद में सभी को छोड़ दिया गया. सुबह से ही बंद समर्थक सड़कों पर उतरने लगे थे. रातू रोड, अपर बाजार, महावीर चौक व कचहरी की ओर से बाइक पर सवार होकर भाजपा कार्यकर्ता अलबर्ट एक्का चौक पहुंचे थे. इधर, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ पिस्का मोड़ पर प्रदर्शन कर रहे थे. कई जगहों पर बंद समर्थकों व पुलिस के बीच नोक-झोंक भी हुई. बंद के कारण कई रूटों पर लंबी दूरी की बसें नहीं चलीं.

बरियातू, बूटी मोड़ व कोकर में बंद रहीं दुकानें

बूटी मोड़, बड़गाईं, हाउसिंग कॉलोनी, बरियातू, रिम्स चौक व कोकर में बंद समर्थकों ने दुकानें बंद करायीं. इस दौरान बंद समर्थक दुकानदारों से बंद करने का आग्रह कर रहे थे. हालांकि, कई दुकानें बंद समर्थकों के जाने के एक घंटा बाद खुल गयी थीं.

पिस्का मोड़ में छह घंटे तक सड़क पर बैठे रहे रक्षा राज्यमंत्री

पंडार से लेकर रातू रोड तक सुबह से ही लोग बंद कराने निकल गये थे. पंडरा में सारे प्रतिष्ठान बंद रहे. रातू रोड में भी लोगों ने स्वत: ही अपनी दुकानें बंद कर दी. पिस्का मोड़ में तो केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ पंडरा मंडल एवं सुखदेव नगर मंडल के समर्थकों के साथ सड़क पर उतरे. पिस्का मोड़ के समीप सड़क पर बैठ कर उन्होंने विरोध जताया. इससे पहले रक्षा राज्य मंत्री ने सभी व्यवसायियों, दुकानदारों व अन्य लोगों से बंद का समर्थन करने की अपील की. सुबह 8:30 बजे से दोपहर दो बजे तक रक्षा राज्यमंत्री पिस्का मोड़ में सड़क पर बैठे रहे. इस दौरान कई प्रशासनिक अधिकारियों ने उनसे जाम हटाने का अनुरोध किया. लेकिन, मंत्री इस बात पर अड़े रहे कि रांची की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित हो. रांची से जंगल राज खत्म हो. इस पर शासन और प्रशासन काम करे. उन्होंने कहा कि यह जाम कोई राजनीतिक जाम नहीं है. यह रांची में लचर हो चुकी कानून व्यवस्था के खिलाफ जनआंदोलन का आगाज है. यदि अभी शासन और प्रशासन ने रांची की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की, तो आंदोलन की धार और तेज होगी. धरना में पूर्व महानगर अध्यक्ष सत्यनारायण सिंह, संजीव चौधरी, बैजू सोनी, दिलीप शर्मा समेत काफी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए.

मेट्रो गली व देवी मंडप के पास भी सड़क जाम

मेट्रो गली के पास भी रातू रोड मुख्य सड़क को भाजपा कार्यकर्ताओं ने दिनभर जाम रखा. यहां भी पुलिस से बंद समर्थकों की नोंक-झोक हुई. वहीं, देवी मंडप रोड जाने वाली सड़क के पास भी रातू रोड को जाम कर दिया गया. रातू रोड चौक तक कार्यकर्ता जुलूस के रूप में गये और लोगों से बंद रखने की अपील की.

भाजपा नेता अनिल टाइगर पंचतत्व में विलीन

कांके.

भाजपा नेता सह पूर्व जिप सदस्य अनिल टाइगर (52 वर्ष) की अंत्येष्टि गुरुवार को उनके पैतृक आवास गागी खटंगा स्थित जुमार नदी घाट पर की गयी. मुखाग्नि उनके पिता महेश महतो ने दी. अनिल चार भाई व एक बहन में सबसे बड़े थे. उनकी अंतिम यात्रा में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो, पूर्व सांसद रामटहल चौधरी, मांडू विधायक तिवारी महतो, रामगढ़ विधायक ममता देवी, खिजरी विधायक राजेश कच्छप, कांके विधायक सुरेश बैठा, वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर, मंत्री संजय यादव, मंत्री योगेंद्र प्रसाद महतो, पूर्व विधायक समरीलाल, डाॅ जीतू चरण राम, नीरू शांति भगत, विधायक जयराम महतो, गुणानंद महतो, प्रमुख सोमनाथ मुंडा, उपप्रमुख अजय बैठा, जिप सदस्य सुषमा देवी, किरण देवी, संजय महतो, पूर्व जिप सदस्य मोजिबुल अंसारी, हकीम अंसारी व मनोज वाजपेयी सहित कई प्रशासनिक पदाधिकारी व अन्य लोग शामिल हुए.

अनिल टाइगर हत्या की हो सीबीआइ जांच : राम कुमार पाहन

पूर्व विधायक राम कुमार पाहन ने कहा कि अनिल टाइगर भाजपा नेता के साथ-साथ एक सामाजिक कार्यकर्ता भी थे. वे सभी धर्म के लोगों से लगाव रखते थे. उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं रहा है. वे लड़ाई-झगड़ा में विश्वास नहीं रखते थे. उन्होंने उनकी हत्या को लोहरदगा जिला के कुड़ू में एक व्यक्ति ही हत्या से जोड़ने को गलत बताया. उन्होंने टाइगर की हत्या में शामिल अपराधियों को पुलिस पर बचाने का आरोप लगाया है. श्री पाहन ने हत्या की निंदा करते हुए प्रशासन से दोषियों को गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दिलाने व मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की. उन्होंने मांग पूरी नहीं होने पर लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने की चेतावनी दी.

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