सरकार से पहले खलिहान पहुंचे बिचौलिये, गढ़वा-पलामू में 1600-1700 रुपए की दर से धान बेच रहे किसान
Paddy Procurement: सरकार को धान बेचने के लिए झारखंड में 2,50,329 किसानों ने निबंधन कराया है. निबंधन की प्रक्रिया जारी है. सरकार निबंधित किसानों से ही धान की खरीद करती है. इसके लिए किसानों को एसएमएस भेजा जाता है. पिछले वर्ष राज्य में 58,558 किसानों से 40.08 लाख क्विंटल धान की खरीद की गयी थी.
Paddy Procurement| रांची, सतीश कुमार : झारखंड में अधिकांश जिलों में धनकटनी के बाद किसानों के खलिहान तक धान पहुंच गये हैं. लेकिन सरकार द्वारा अब तक धान खरीदारी की प्रक्रिया शुरू नहीं की गयी है. बोनस पर भी अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है. दूसरी तरफ धनकटनी पूरी होते ही बिचौलिये सक्रिय हो गये हैं. गढ़वा और पलामू में बिचौलिये 1600-1700 रुपए प्रति क्विंटल की दर से किसानों से धान की खरीद कर रहे हैं. सरकार की ओर से एक दिसंबर से धान खरीद की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी की गयी थी, लेकिन अब तक ना तो धान खरीद की तिथि तय हो पायी है और ना ही बोनस तय हुआ है. खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से खरीफ विपणन मौसम के दौरान 2025-26 में धान खरीद को लेकर प्रस्ताव तैयार किया गया है. पहली बार किसानों को लेकर धान खरीद के बाद एकमुश्त राशि देने का निर्णय लिया गया है.
2369 किलो एमसपी और 100 रुपए बोनस का केंद्र ने दिया प्रस्ताव
केंद्र सरकार की ओर से धान के लिए तय न्यूनतम समर्थन मूल्य 2369 रुपए प्रति क्विंटल के अलावा लगभग 100 रुपए बोनस देने का प्रस्ताव तैयार किया गया है, लेकिन इस पर अब तक कैबिनेट की मुहर नहीं लग पायी है. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कैबिनेट के निर्णय होने के बाद संकल्प जारी होगा. इसके बाद किसानों से क्रय किये गये धान के भुगतान को लेकर एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट निकाल कर बैकों से लगभग 1000 करोड़ रुपए कर्ज लिये जायेंगे. ऐसे में धान खरीद की प्रक्रिया शुरू होने में विलंब हो सकता है. पिछली बार सरकार की ओर से 15 दिसंबर से धान की खरीद शुरू की गयी थी.
Paddy Procurement: 2.50 लाख ज्यादा किसानों ने कराया निबंधन
सरकार को धान बेचने के लिए राज्य में 2,50,329 किसानों ने निबंधन कराया है. निबंधन की प्रक्रिया जारी है. सरकार निबंधित किसानों से ही धान की खरीद करती है. इसके लिए किसानों को एसएमएस भेजा जाता है. पिछले वर्ष राज्य में 58,558 किसानों से 40.08 लाख क्विंटल धान की खरीद की गयी थी.
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पड़ोसी राज्यों में धान खरीद की प्रक्रिया शुरू
झारखंड के पड़ोसी राज्यों में धान की सरकारी खरीद शुरू हो गयी है. पश्चिम बंगाल में एक नवंबर से और छत्तीसगढ़ व बिहार में 15 नवंबर से ही धान की खरीद हो रही है. मॉनसून की अच्छी बारिश के कारण इस वर्ष 2025-26 में 47.66 लाख धान उत्पादन होने का अनुमान है. वर्ष 2024-25 में राज्य में 41.38 लाख टन व वर्ष 2023-24 में 29.25 लाख टन धान का उत्पादन हुआ था. पिछले 5 वर्षों में सबसे कम 19.09 लाख टन उत्पादन हुआ था.
धान क्रय में 3 वर्षों से लक्ष्य में पीछे है सरकार
पिछले 3 वर्षों में झारखंड सरकार अपने धान क्रय लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम रही है. लगातार 2 वर्षों (2022-23 व 2023-24) में सूखे की स्थिति और किसानों की उदासीनता के कारण धान की खरीदारी प्रभावित हुई. किसानों ने सरकारी खरीद प्रणाली से दूरी बनायी, जिससे लक्ष्य का सिर्फ एक तिहाई हिस्सा ही पूरा हो पाया.
वित्तीय वर्ष लक्ष्य खरीद हुई प्रतिशत
| वित्तीय वर्ष | धान खरीद का लक्ष्य | धान खरीद हुई | प्रतिशत में |
|---|---|---|---|
| 2024-25 | 60 लाख क्विंटल | 40.08 लाख क्विंटल | 67 प्रतिशत |
| 2023-24 | 60 लाख क्विंटल | 17.02 लाख क्विंटल | 29 प्रतिशत |
| 2022-23 | 60 लाख क्विंटल | 17.16 लाख क्विंटल | 29 प्रतिशत |
खलिहान में 50 क्विंटल धान काटकर रखा हुआ है. लेकिन धान क्रय केंद्र नहीं खुलने से नुकसान झेलना पड़ रहा है. यदि जल्द धान की खरीद शुरू नहीं हुई, तो किसानों का धान खलिहान में रखे-रखे बर्बाद हो जायेगा. कई किसान व्यापारियों को 1600-1700 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान बेचने को मजबूर हैं.
प्रभात कुमार, किसान, गढ़वा, मेराल प्रखंड
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