यूपी के ईंट भट्ठे में बंधक झारखंड के मजदूर रांची लौटे, परिजनों के चेहरे खिले, सुनिए पीड़ित मजदूरों की व्यथा

Jharkhand News, रांची न्यूज (तौफीक आलम) : उत्तर प्रदेश के देवरिया स्थित ईंट भट्ठे में बंधक बने रांची जिले के चान्हो प्रखंड के मजदूर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल व श्रम विभाग राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष और फ़िया फाउंडेशन के सयुंक्त प्रयास से गुरुवार को सकुशल घर वापस लौट गये. चान्हो प्रखंड के टांगर सहित सोनचीपी, लुंडरी, सिलागाईं व चोड़ा गांव के दो दर्जन से अधिक मजदूरों की सकुशल घर वापसी से उनके परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2021 7:43 PM

Jharkhand News, रांची न्यूज (तौफीक आलम) : उत्तर प्रदेश के देवरिया स्थित ईंट भट्ठे में बंधक बने रांची जिले के चान्हो प्रखंड के मजदूर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल व श्रम विभाग राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष और फ़िया फाउंडेशन के सयुंक्त प्रयास से गुरुवार को सकुशल घर वापस लौट गये. चान्हो प्रखंड के टांगर सहित सोनचीपी, लुंडरी, सिलागाईं व चोड़ा गांव के दो दर्जन से अधिक मजदूरों की सकुशल घर वापसी से उनके परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं था.

टांगर गांव निवासी 25 वर्षीय शीबा उरांव अपनी पत्नी व चार छोटे बच्चों को घर में छोड़कर ईंट भट्ठा में मजदूरी करने गया था. उसके सही सलामत घर वापस लौटने पर उसकी पत्नी प्रभा उरांव ने खुशी जाहिर करते हुये कहा कि पति के ईंट भट्ठा में बंधक रहने व भट्ठा मालिक के द्वारा मजदूरी का पैसा नहीं देने की चिंता तथा निर्धारित समय के बाद उनके घर वापसी में हो रही देरी से उनकी रात की नींद गायब हो गयी थी. अब पति घर आ गये हैं. तो बच्चों के साथ वह भी काफी खुश है. अभी धान के बीड़ा और धान की खेती के लिए खेत तैयार करने का समय है. उनके घर वापस आ जाने से सब कुछ अब सही समय पर होगा.

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करीब छह महीने बाद घर वापस लौटे शीबा उरांव ने बताया कि गांव की ही एक भट्ठा सरदारिन उन्हें वहां जनवरी माह में मजदूरी करने ले गयी थी. काम में ले जाते वक्त उन्हें बताया कि भट्ठा में राविश उठाने को लेकर 10 हजार रुपया महीना के अलावा अतिरिक्त कार्य के लिए 250 रुपया हाजिरी देने की बात कही थी, लेकिन मजदूरों को पूरी मजदूरी नहीं दी गयी और 10 की जगह पर 9 हजार तथा हाजिरी के लिये 200 रुपये का ही भुगतान किया गया. शीबा उरांव के अनुसार भट्ठा संचालक के द्वारा मजदूरों को उनकी मजदूरी देने में टालमटोल करने के कारण वे वहां काम समाप्त हो जाने के बाद भी बेकार बैठे रहे. अंत में थक हार कर उसने गांव के एक व्यक्ति से मांडर विधायक बंधु तिर्की का नंबर लिया और उन्हें अपनी व्यथा सुनायी. इसके बाद उनके घर वापसी की प्रक्रिया शुरू हुयी. और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल के बाद कार्रवाई हुयी और सोमवार 21 जून को भट्टा में ही पैसा काटकर उनकी मजदूरी का भुगतान किया गया. शीबा उरांव की मानें तो ईंट भट्ठे से शनिवार 19 जून को लोहरदगा के भंडरा प्रखंड की दो महिलाएं गायब हो गयी थी, जो उनके साथ वापस नहीं लौटी हैं.

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शीबा उरांव के साथ ही घर वापस लौटे सोनचीपी गांव के पंचू उरांव, विजय उरांव व सालो उरांईन ने भी अपनी आपबीती बतायी और कहा कि गांव में सिंचाई की उचित सुविधा नहीं होने के कारण बरसात छोड़कर गांव में खेती बारी नहीं हो पाती है जिसके चलते उन्हें मजबूरी में पैसों के लिए दूसरे राज्य के ईंट भट्ठों का रुख करना पड़ता है. जहां वे हमेशा ही शोषण व अन्याय का शिकार हो जाते हैं.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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