कमेटियों के गठन से नाराज विधायक, उठा रहे हैं सवाल

विधानसभा की नवगठित कमेटियों को लेकर पक्ष-विपक्ष के विधायक नाराज हैं. विधायकों का कहना है कि कमेटी गठन में वरीयता का ख्याल नहीं रखा गया है. विधायक ने विधानसभा सचिवालय के कामकाज पर सवाल उठाया है.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 5, 2020 3:19 AM

रांची : विधानसभा की नवगठित कमेटियों को लेकर पक्ष-विपक्ष के विधायक नाराज हैं. विधायकों का कहना है कि कमेटी गठन में वरीयता का ख्याल नहीं रखा गया है. विधायक ने विधानसभा सचिवालय के कामकाज पर सवाल उठाया है. उनका कहना है कि पहली बार चुनाव जीत कर आये विधायक को भी सभापति बना दिया गया है. उस कमेटी में सीनियर विधायकों को सदस्य बनाया गया है. नाराज विधायकों ने कहा कि कमेटी को संतुलित बनाना चाहिए.

कई विधायक दो-तीन कमेटी के सदस्य हैं, वहीं किसी को कमेटी में जगह नहीं मिली है. सीनियर विधायक भी एक कमेटी के सदस्य हैं. इधर, बुधवार को स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने विधानसभा कमेटी के सभापतियों व सदस्यों की बैठक बुलायी थी. बैठक में भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही और निर्दलीय अमित यादव ने स्पीकर के समक्ष अपनी बात रखी थी. श्री शाही का कहना था कि विधानसभा सचिवालय ने गलत परंपरा की शुरुआत की है.

वरीय विधायकों की अनदेखी नहीं होनी चाहिए. वह जिस कमेटी के पहले सभापति थे, उसी कमेटी में अब सदस्य बना दिया गया है. कमेटी के सभापति से लेकर सदस्य तक के चयन में लापरवाही हुई है. निर्दलीय अमित यादव का कहना था कि कमेटी के कामकाज को सुधारने की जरूरत है. इसमें अधिकारियों की जवाबदेही भी सुनिश्चित होनी चाहिए. बैठक में स्पीकर श्री महतो ने विधायकों को आश्वस्त किया था कि वह मामला को देखेंगे़

बंधु तिर्की बैठक में नहीं गये

विस कमेटी के सदस्यों की बैठक में मांडर विधायक बंधु तिर्की नहीं गये. सूत्रों के अनुसार, वह कमेटी गठन को लेकर नाराज हैं. श्री तिर्की को विनोद सिंह के सभापतिवाले प्रत्युक्त कमेटी का सदस्य बनाया गया है. श्री तिर्की को किसी कमेटी की जवाबदेही नहीं दी गयी है़

नाराज विधायकों ने कहा : कमेटी को संतुलित बनाना चाहिए

विधानसभा की कमेटी की बड़ी जवाबदेही है. लोकहित के काम को आगे बढ़ाने में इसकी भूमिका है. इसके गठन में वरीयता का ध्यान रखा जाना चाहिए था. स्पीकर विधानसभा के गार्जियन हैं. मैंने उनके संज्ञान में मामला लाया है.

– भानु प्रताप शाही, भाजपा विधायक

स्पीकर पक्ष-विपक्ष के अभिभावक हैं. विस कमेटी में अनुभव को प्राथमिकता देना चाहिए. नये-पुराने सभी विधायकों को काम का मौका मिलना चाहिए. विस कमेटी संतुलित रहे, इसका ख्याल रखा जाना चाहिए.

– विरंची नारायण, भाजपा विधायक

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