रवि केजरीवाल : कभी सीएम हेमंत की टीम के वफादारों में होती थी गिनती, रिश्ते बिगड़े तो पार्टी ने निकाला

ईडी की टीम फिलहाल मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच कर रही, कल इसी मामले में ईडी की टीम ने रवि केजरीवाल से पूछताछ की. लेकिन कभी उनकी गिनती झामुमो के वफादारों में होती थी. कभी उस पर कुछ माह पहले सरकार गिराने का आरोप लगा था.

By Prabhat Khabar | May 16, 2022 8:53 AM

रांची: प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की टीम रवि केजरीवाल से पूछताछ कर रही है. कभी सत्ता के गलियारे में केजरीवाल का खास रुतबा हुआ करता था. वह लंबे समय तक झामुमो में कोषाध्यक्ष रहे. पार्टी में अच्छी दखल के साथ हेमंत सोरेन की टीम के वफदारों में गिनती होती थी.

लेकिन, वर्ष 2019 में हेमंत सोरेन की सरकार बनने से पहले रिश्ते बिगड़ते चले गये. रवि केजरीवाल को पार्टी के कोषाध्यक्ष के पद से निष्कासित कर दिया गया. पार्टी के आला नेताओं से रिश्ते भी बिगड़ गये. इन पर हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने की साजिश रचने का भी आरोप लगा. इसे लेकर धुर्वा थाने में मामला भी दर्ज हुआ.

लंबे समय तक झामुमो में कोषाध्यक्ष रहे, हेमंत सोरेन के वफदारों में होती थी गिनती

हेमंत सोरेन की मौजूदा सरकार को गिराने का आरोप भी लगा

धुर्वा थाने में रामदास सोरेन ने दर्ज कराया था मामला

रामदास सोरेन को उकसाने का आरोप लगा

रवि केजरीवाल पर घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन को सरकार के खिलाफ उकसाने का आरोप है. इस मामले में रामदास सोरेन ने 12 अक्तूबर 2021 को धुर्वा थाने में एक प्राथमिकी दर्ज करायी थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि रवि केजरीवाल ने उनसे मोबाइल पर संपर्क कर पार्टी छोड़ने के लिए उकसाया.

बाद में रवि केजरीवाल अपने दोस्त अशोक अग्रवाल उनके आवास पहुंचे. यहां दोनों ने कई विधायकों का नाम लेते हुए रामदास सोरेन को पार्टी छोड़ने को कहा. साथ ही यह भी कहा कि नयी पार्टी बनाकर भाजपा के साथ सरकार बनानी है. इसके लिए विधायक को रुपये और मंत्री पद भी ऑफर किया गया.

इस केस में दोनों आरोपी फिलहाल हाइकोर्ट से अग्रिम जमानत पर हैं. केस के अनुसंधानक वर्तमान में ट्रैफिक डीएसपी जीतवाहन उरांव हैं. लेकिन, पुलिस ने अब तक केस का सुपरविजन तक नहीं किया था. इसलिए न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित नहीं किया जा सका है.

Posted By: Sameer Oraon

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