सीएम हेमंत सोरेन ने केंद्र पर बोला हमला, कहा- केवल राज्य की सरकारों को गिराने और बनाने में जुटी है

सीएम हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि केंद्र केवल राज्य सरकार को गिराने और बनाने में जुटी है. उन्होंने कहा है कि कुर्सी को लेकर मेरी टेंशन नहीं है. मेरा लगाव राज्य की सवा तीन कऱोड़ जनता की साथ है

By Prabhat Khabar | August 30, 2022 6:47 AM

रांची: जिस देश के आधे राज्यों में केंद्र सरकार सिर्फ सरकार गिराने और बनाने का काम कर रही है, उसका भविष्य क्या हो सकता है? यह बात सीएम हेमंत सोरेन ने सोमवार को कही. वह सोमवार को प्रोजेक्ट भवन सचिवालय पहुंचने पर मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे. विधायकी को लेकर कायम की असमंजस की स्थिति पर उन्होंने कहा कि आप लोग राज्यपाल से ही पूछें, तो बेहतर होगा.

श्री सोरेन ने आगे कहा कि आज सरकार बनाओ, सरकार तोड़ो, विधायक खरीदो और विधायक बेचो का काम चल रहा है. आखिर व्यापारियों का और दूसरा काम क्या होता है. देश चलाना थोड़ी होता है. खरीद-फरोख्त करना होता है. हम जनता के लिए काम करते हैं और हमें खरीद-फरोख्त नहीं आती. इन व्यापारियों को भी हम जवाब देंगे. ‍सियासी संकट के बीच टेंशन को लेकर कहा कि नो टेंशन. हमारी दिल्लगी कुर्सी के साथ नहीं, बल्कि राज्य की सवा तीन कऱोड़ जनता और देश के आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए है.

बिना जानकारी के दिग्भ्रमित न करे मीडिया :

दुमका में घटी घटना के बाद भी सरकार के किसी प्रतिनिधि के नहीं जाने के आरोप पर सीएम ने कहा, राज्य में ऐसी कितनी घटनाएं घटी हैं, इसका आंकड़ा क्या किसी के पास है. घटनाएं होती रहती हैं. लेकिन हमारी सरकार की नजर हर घटना पर है.

सरकार के नुमाइंदे पीड़िता के परिजनों तक पहुंच चुके हैं. ऐसे में मीडिया से अपील है कि बिना जानकारी के बातों को दिग्भ्रमित न करें. राज्यपाल ने राज्य की विधि व्यवस्था पर सवाल उठाया है, इस सवाल पर सीएम ने कहा कि मैंने इनके बयान को नहीं सुना है, इसलिए प्रतिक्रिया नहीं दे सकते हैं.

हर कोई शिंदे जैसा चालाक किसान नहीं

कोलकाता कैश कांड में पकड़े गये विधायकों और विपक्ष द्वारा विधायकों को खऱीदने के प्रयास के सवाल पर सीएम ने कहा कि वह किसलिए पकड़े गये हैं, इसकी जांच चल रही है. कुछ ऐसे भी हैं, जो बिकने के लिए तैयार हो जाते है, और कुछ ऐसे हैं, जो नहीं बिकते. जो पकड़े गये, वह मुसीबत में हैं और जो नहीं पकड़े गये, उनकी बल्ले-बल्ले हर कोई शिंदे जैसा चालाक किसान नहीं है न.

Posted By: Sameer Oraon

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