Jharkhand Panchayat Chunav 2021 : कब और कैसे होगा झारखंड का पंचायत चुनाव ? सामने आयी ये बड़ी जानकारी

झारखंड में होने वाला पंचायत चुनाव कब होगा वो इस बात पर निर्भर करता है कि राज्य में कोरोना की स्थिति कैसी है. इसके अलावा इस चुनाव का दलीय आधार पर होने की संभावना नहीं है. बता दें कि बीते 1 साल से राज्य में पंचायत चुनाव लंबित है.

By Prabhat Khabar | October 27, 2021 10:05 AM

Jharkhand Panchayat Chunav 2021 kab hoga रांची : झारखंड में होनेवाला पंचायत चुनाव दलीय आधार पर होने की संभावना नहीं है. राज्य सरकार पंचायत चुनाव अधिनियम में कोई संशोधन नहीं कर रही है. सरकार के एक वरीय अधिकारी के मुताबिक, पंचायत चुनाव के लिए अधिनियम में किसी भी संशोधन का प्रस्ताव नहीं है. वर्तमान अनिधिनियम में गैर दलीय आधार पर पंचायत चुनाव कराने का प्रावधान है. चुनाव की तिथि का निर्धारण राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर निर्भर करेगा. पिछले कुछ दिनों से संक्रमितों की संख्या में हुई वृद्धि की समीक्षा के बाद ही चुनाव का समय तय किया जायेगा.

एक वर्ष से अधिक समय से लंबित है पंचायत चुनाव :

राज्य में पिछले एक वर्ष से अधिक समय से पंचायत चुनाव लंबित है. पड़ोसी राज्यों में चुनाव संपन्न होने के कारण झारखंड में भी पंचायत चुनाव जल्द होने के कयास लगाये जा रहे थे. पिछले दिनों बढ़ी राजनीतिक गतिविधियों के कारण राज्य में दलगत आधार पर पंचायत चुनाव कराने की चर्चा जोर पकड़ रही थी. राज्य निर्वाचन आयोग ने गैर दलीय आधार पर तैयारी की है.

4,345 पंचायताें में होना है चुनाव :

झारखंड की 4,345 पंचायताें में कुल 63,701 पदों के लिए त्रिस्तरीय चुनाव होना है. इनमें से 39,330 पंचायतों को एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षित किया गया है. वहीं, अनारक्षित पंचायतों की कुल संख्या 25,725 है. जिन पदों पर चुनाव होना है, उनमें जिला परिषद सदस्य के 536, मुखिया के 4,345, पंचायत समिति सदस्य के 5,341 व ग्राम पंचायत सदस्य के 53,479 पद शामिल हैं.

नगरपालिका संशोधन विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी

राज्यपाल रमेश बैस ने झारखंड नगरपालिका (संशोधन) विधेयक 2021 को सहमति दे दी है. राजभवन से संबंधित फाइल राज्य सरकार को भेज दी गयी है. अब गजट प्रकाशित कर राज्य सरकार इसकी सूचना राज्य निर्वाचन आयोग को देगी. ज्ञात हो कि संशोधन के पूर्व राज्य में नगर निकायों के मेयर, डिप्टी मेयर, अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चुनाव दलीय आधार पर होता था. इसी वर्ष सितंबर महीने में राज्य सरकार ने प्रावधानों में संशोधन करते हुए निकायों के मेयर व अध्यक्ष का चुनाव गैर दलीय आधार पर और डिप्टी मेयर व उपाध्यक्ष का प्रत्यक्ष चुनाव नहीं कराने का फैसला लिया था. विधेयक पर राज्यपाल की सहमति के बाद अब पूर्व प्रावधानों में संशोधन करते हुए नया कानून लागू किया जायेगा.

Posted by : Sameer Oraon

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