Jharkhand Tourism: अंतरराष्ट्रीय इको टूरिज्म सेंटर के रूप में विकसित होगा बायोडायवर्सिटी पार्क

बायोडायवर्सिटी पार्क को अंतरराष्ट्रीय स्तर के इको टूरिज्म सेंटर के रूप में विकसित करने की योजना है. इसके लिए यहां स्थित वन और गैर वन भूमि का उपयोग किया जा सकता है. यहां के आसपास के पर्यावरण को संरक्षित रखते हुए इस पार्क को विकसित करने की योजना है.

By Prabhat Khabar | August 15, 2022 8:01 AM

Jharkhand Tourism News: बायोडायवर्सिटी पार्क को अंतरराष्ट्रीय स्तर के इको टूरिज्म सेंटर के रूप में विकसित करने की योजना है. इसके लिए यहां स्थित वन और गैर वन भूमि का उपयोग किया जा सकता है. यहां के आसपास के पर्यावरण को संरक्षित रखते हुए इस पार्क को विकसित करने की योजना है.

540 एकड़ में फैला है यह पार्क

यह पार्क करीब 540 एकड़ में फैला हुआ है. इस पार्क का संचालन अभी वन विभाग कर रहा है. यह पार्क वन विभाग के मुख्यालय से करीब 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. विकसित होने की स्थिति में इसको पीपीपी मोड पर भी चलाने का विकल्प वन विभाग ने रखा है. वन विभाग ने इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के लिए एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. एजेंसी की रिपोर्ट के आधार पर वन विभाग राज्य सरकार को प्रस्ताव से अवगत करायेगा.

सभी तरह की संभावना पर तैयार होगी रिपोर्ट

वन विभाग अभी यहां के आधे जंगल और वन भूमि का उपयोग पार्क के रूप में कर रहा है. यहां कई प्रकार के पौधे लगाये गये हैं. कई लुप्त प्राय पौधे भी हैं. वन विभाग रिपोर्ट बनाने वाली एजेंसी को पार्क को विकसित करने के साथ-साथ उससे जुड़ी सभी संभावनाओं पर काम करने को कहेगा.

चयनीत एजेंसी करेगी रिपोर्ट तैयार

पार्क के डिजाइन, निर्माण, वित्तीय स्थिति के संचालन और प्रबंधन पर भी एजेंसी रिपोर्ट तैयार करेगी. सलाहकार ने चयनित एजेंसी को समृद्ध मैनपावर के साथ काम करने की शर्त रखी है. इसके लिए अरबन और रीजनल प्लानर के लिए 20 साल काम करने की शर्त रखी गयी है. कम से कम 10 साल काम करने वाले सदस्यों की टीम को एजेंसी में रखने को कहा गया है.

क्या कहते हैं अधिकारी

पर्यावरण को संरक्षित रखते हुए इस पार्क को विकसित करने का प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है. प्रस्ताव का अध्ययन होगा. उसके बाद राज्य सरकार से इसे विकसित करने के लिए कई विकल्प पर बात होगी. सरकार से जो भी दिशा-निर्देश प्राप्त होगा, उस पर आगे की कार्रवाई होगी. इसमें पीपीपी मोड भी एक विकल्प है.

-एनके सिंह, एपीसीसीएफ, विकास

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