सीसीएल खनन के बाद जमीन समतल कर रैयतों को सौंपने की नीति लागू करे
अशोक परियोजना प्रभावित गांव लुकईया व तोरहद के ग्रामीणो की संयुक्त रूढ़िवादी ग्राम सभा रविवार को कुलदीप गंझू की अध्यक्षता में हुई.
पिपरवार. अशोक परियोजना प्रभावित गांव लुकईया व तोरहद के ग्रामीणो की संयुक्त रूढ़िवादी ग्राम सभा रविवार को कुलदीप गंझू की अध्यक्षता में हुई. इसमें सीसीएल की नौकरी, मुआवजा, पुनर्वास व म्यूटेशन नीति के खिलाफ महाप्रबंधक व अंचल कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया गया. बैठक में आरोप लगाया गया कि सीसीएल अपनी छल-कपट नीतियों से रैयतों की जमीन का म्यूटेशन कराना चाहती है. प्रबंधन रैयतों को एक मुश्त मुआवजा भी नहीं देना चाहता है. विस्थापितों को पुनर्वास के लिए उचित जमीन उपलब्ध नहीं करा रहा है. इसके अलावा विस्थापितों को मूलभूत सुविधायें उपलब्ध नहीं कराने, रैयत को नौकरी देने में विलंब करने व कट ऑफ डेट लगा कर पुनर्वास में कटौती करने का विरोध किया गया. सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सीसीएल खनन के बाद जमीन समतल कर रैयतों को वापस करने की नीति लागू करे, तभी वे अशोक वेस्ट परियोजना के लिए जमीन देंगे. मौके पर सुरेश उरांव, रामकुमार उरांव, शिवदेव उरांव, शिबू उरांव, राजकुमार उरांव, रामजी उरांव, कालेश्वर गंझू, बबीता बाग, पुष्पा देवी, जरामनी देवी, बोलो देवी, मीना देवी, सूरजी देवी, पर्वतीया भगत, रीता देवी, विनोद उरांव, संतोष गंझू, महेंद्र उरांव, बहुरा मुंडा, बालेश्वर उरांव सहित काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.
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